India-UAE Joint Military Exercise Desert Cyclone : भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह अभ्यास राजस्थान में दो जनवरी से शुरू होगा और 15 जनवरी तक चलेगा। इसे काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं शहरी ऑपरेशंस में क्षमताएं बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के सबसे बेहतर तरीके साझा करेंगे और सीखेंगे।
दोनों देशों के संबंध मित्रतापूर्ण हैं और दोनों सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंध साझा करते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार रक्षा उपकरणों का प्रोडक्शन व डेवलपमेंट, सैन्य बलों का संयुक्त अभ्यास, नौसेना अभ्यास, रणनीति व सिद्धांतों पर जानकारी साझा करना और इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर में तकनीकी सहयोग डिफेंस की फील्ड में द्विपक्षीय सहयोग के संभावित क्षेत्र होते हैं।
Exercise #DesertCyclone_2024
The Inaugural edition of Joint Military Exercise #DesertCyclone, between #India & #UAE, will be conducted from 02 Jan to 15 Jan 2024 in #Rajasthan. The exercise aims to enhance interoperability by learning & sharing best practices in Urban… pic.twitter.com/KraawpUQrl
---विज्ञापन---— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 31, 2023
बता दें कि बीते कुछ वर्षों में भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग खासा मजबूत हुआ है। रेग्युलर एक्सचेंज प्रोग्राम के अलावा डिफेंस ट्रेनिंग और डिफेंस इन्वेंटरी की सप्लाई के मामले में दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हुए हैं।
1972 में शुरू हुए थे राजनयिक संबंध
दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंधों की शुरुआत साल 1972 में हुई थी। यूएई ने 1972 में दिल्ली में अपना दूतावास शुरू किया था। वहीं, भारत ने अबूधाबी में साल 1973 में अपना दूतावास खोला था। द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध भी बीते दिनों में काफी मजबूत हुए हैं। इसे देखते हुए इस अभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।
2008 में हुआ पहला संयुक्त अभ्यास
भारत और यूएई के बीच पहला संयुक्त एयर फोर्स अभ्यास सितंबर 2008 में अबूधाबी के अल-धफरा बेस पर आयोजित हुआ था। इसके साथ ही अबूधाबी में होने वाली द्विवर्षीय इंटरनेशनल डिफेंस एग्जीबिशन (IDEX) में भारत हिस्सा लेता आ रहा है। राजस्थान में होने वाले आगामी अभ्यास को भारतीय सेना ने दोनों ही देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया है। दोनों देशों की नौसेनाएं भी नियमित तौर पर गतिविधियों में शामिल रही हैं।
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