---विज्ञापन---

कार्डियोलॉजिस्ट को इंटरव्यू में शामिल होने से रोका, High Court ने नोटिस भेज मांगा जवाब

Legal Dispute: कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए इंटरव्यू से रोकने का मामला अदालत पहुंच गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 मार्च का दिन निर्धारित किया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 15, 2025 16:09
Share :
Delhi High Court
Delhi High Court

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रख्यात इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण सिंह की याचिका पर राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (RGSSH) और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। डॉ. सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि RGSSH द्वारा उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए इंटरव्यू में शामिल होने से रोका गया। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए दिल्ली सरकार और RGSSH को नोटिस भेजकर दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

4 मार्च को होगी सुनवाई।

डॉ. प्रवीण सिंह ने अपनी याचिका में RGSSH के कथित मनमाने और भेदभावपूर्ण आचरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की अध्यक्षता में कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 4 मार्च 2025 को करेगा। डॉ. सिंह का कहना है कि उन्होंने सभी योग्यता मानदंडों को पूरा करने के बाद इस पद के लिए आवेदन किया था। हालांकि, इंटरव्यू से ठीक पहले RGSSH ने एक आदेश जारी कर उन्हें इंटरव्यू में भाग लेने से रोक दिया। इस आदेश में कथित अनुशासनात्मक आधार पर पूर्व में हुई उनकी सेवा समाप्ति का हवाला दिया गया है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें – Union Budget 2025: रुपये की सेहत सुधारने के लिए बजट में हो सकती है ये घोषणा

मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

डॉ. सिंह का दावा है कि यह निर्णय आधारहीन, मनमाना और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 19(1)(g), और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि डॉ. सिंह की पूर्व में सेवा समाप्ति के आरोप अप्रमाणित थे। RGSSH की गवर्निंग काउंसिल ने अपने मिनट्स में स्वीकार किया था कि आरोपों की जांच अधूरी थी और किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस और अस्पताल के सतर्कता अधिकारी ने डॉ. सिंह को क्लीन चिट दे दी थी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें – अर्ली रिटायरमेंट पर पूर्व बैंकर ने कही काम की बात, समझाया किन बातों का रखें ध्यान

आदेश के समय पर सवाल

सुनवाई के दौरान डॉ. सिंह के वकील दीपक बाजपेई ने तर्क दिया कि इस निर्णय ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया, क्योंकि याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया। इसके अलावा, यह आदेश अंतिम समय पर दिया गया, जिससे डॉ. प्रवीण सिंह को कानूनी उपाय अपनाने का अवसर भी नहीं मिला।

याचिका में की गईं ये मांगें

याचिका में मांग की गई है कि RGSSH द्वारा जारी किए गए आदेश को रद्द किया जाए। चयन प्रक्रिया को मामले के निपटारे तक स्थगित किया जाए और डॉ. सिंह को इंटरव्यू में भाग लेने की अनुमति दी जाए। अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि सार्वजनिक रोजगार प्रक्रिया में निष्पक्षता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया, क्योंकि संबंधित पद पर किसी अन्य उम्मीदवार की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायतों पर पूरी गंभीरता से विचार किया जाएगा।

 

यह भी पढ़ें – 90 घंटे काम पर आया Sanjiv Puri का बयान, बताया- ITC में कैसे काम करते हैं कर्मचारी?

यह भी पढ़ें – मार्केट में AI की धूम, क्या इसके Stocks में पैसा लगाने का ये है सही समय?

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Jan 15, 2025 04:09 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें