Delhi AIIMS Patients Treated Dashavatar model Lord Vishnu: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स रोगियों के उपचार के नए-नए नवाचार को प्रयोग में ला रहा है। योग, अध्यात्म और ध्यान के बाद अब एम्स भारतीय पौराणिक कथाओं को चिकित्सा से जोड़ रहा है। एम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने दशावतार की अवधारणा पर एक प्रोटोकाल तैयार किया है। इसमें हर अवतार की प्रकृति के हिसाब से एक सिंबल दिया गया है। इसी के अनुरूप अस्पताल मरीजों की सुरक्षा और इलाज की गुणवत्ता समेत दूसरे मानकों को जोड़ा गया है।
विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि दशावतार माॅडल लागू होने से आधुनिक इलाज के साथ-साथ प्राचीन संस्कृति को भी जोड़ा जा रहा है। इसके कुछ मानक तय किए गए हैं जिसे हर हालत में सभी को मानना होगा। बीते दिनों इस माॅडल को लागू किया गया तो इसके परिणाम सकारात्मक रहे। इसके साथ ही मरीजों की रिकवरी दर में भी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि आगे भी समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाएगा। विभाग में रोज 100 से 150 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। विभाग हर साल 1 लाख से अधिक मरीजों का इलाज करता है।
ये है अवतारों के नाम और सिंबल
मत्स्य अवतारः सुरक्षा
इस अवतार में डब्ल्यूएचओ के मानकों के आधार पर इलाज होता है। इलाज के दौरान मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि उन्हें कोई संक्रमण न हो। इसके इलाज में काम आने दवाओं के लिए प्रोटोकाॅल लागू किया जाता है।
नरसिंह अवतारः साहस
इस अवतार में मरीज को सुरक्षित वातावण उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही मरीज की निर्णय क्षमता का विकास किया जाता है। उन्हें गंभीर सर्जरी से होने वाले डर के लिए तैयार किया जाता है।
रामावतारः सदाचार
इस अवतार में मरीज और उनके परिजनों को 100 फीसदी का नैतिकता का पालन करने को कहा जाता है। मरीजों के मेडिकल रिकाॅर्ड को गोपनीय बना कर रखा जाता है। अच्छे चिकित्सकीय अभ्यास का पालन करने को कहा जाता है।
कूर्मावतारः स्थायित्व
इस अवतार में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही नवाचारों पर भी काम किया जाता है।
वामन अवतारः मानवता
इस अवतार में आयुष्मान भारत समेत दूसरे माध्यम से मरीजों को बेहतर इलाज दिलाया जाता है। टीम वर्क में काम किया जाता है। सांस्कृतिक विविधता को भी एक किया जाता है।
कृष्णावतारः करूणा
इस अवतार में सभी मरीजों के प्रति दयाभाव रखा जाता है। एसिड से जले हुए मरीजों को विश्वास जगाया जाता है। दिव्यांगों को क्षेत्र विशेष में हर सुविधा का लाभ मिलता है।
बुद्ध अवतारः आत्मज्ञान
इस अवतार में हर महीने स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही इलाज कराने आने वाले मरीजों के फीडबैक के आधार पर गुणवत्ता में सुधार किया जाता है। मरीजों का बौद्धिक विकास और सलाह दी जाती है।
वाराह अवतारः बचाव
इस अवतार में मरीजों को तत्काल राहत दिलाने के लिए अलग से फैकल्टी विकसित की जाती है। बड़े अग्निकांड से बचने के लिए हर समय 15 बेड का अलग से इंतजाम किया जाता है। विभाग का हर स्टाफ बचाव के लिए तैयार रहता है।
परशुराम अवतारः नीति परायणता
इस अवतार में मरीजों के अधिकारों को बनाए रखा जाता है। मरीजों का डिजिटल रिकाॅर्ड तैयार किया जाता है। अंगदान व रक्तदान की जरूरत होने पर रिश्तेदारों को वरीयता दी जाती है।
कल्कि अवतारः न्याय
इस अवतार में मरीजों को इलाज में लगने वाले समय और खर्च की सही जानकारी दी जाती है। भर्ती मरीजों की सर्जरी के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती जाती है। इसके अलावा 100 फीसदी साइबर सुरक्षा दी जाती है।