NCR Pollution: CREA की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली की हवा को लेकर एक गंभीर तस्वीर पेश की है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर द्वारा जारी सैटेलाइट-आधारित विश्लेषण बताता है कि देश की राजधानी भारत का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों के दौरान देश के लगभग 82% जिले (749 में से 616) PM2.5 के उस स्तर से ऊपर रहते हैं. जिसे राष्ट्रीय मानक सुरक्षित मानते हैं. अध्ययन यह भी दिखाता है कि भारत के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर लंबे समय से लगातार खतरनाक बना हुआ है. इस विश्लेषण ने एक बार फिर दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता को राष्ट्र में सबसे गंभीर श्रेणी में रखा है. वहीं देश के CJI सूर्यकांत भी इससे प्राभावित दिखे. उन्होंने बयान दिया कि ‘मैं मंगलवार (25 नवंबर) की शाम को डेढ़ घंटा टहला. प्रदूषण की वजह से मेरी तबीयत बिगड़ गई. हमें जल्द इसका हल निकालना होगा. दिल्ली के मौसम की वजह यह हो रहा है. अब टहलना भी मुश्किल है.’
सबसे प्रदूषित शहरों के नाम
सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में उत्तरी भारत के छह शहर शामिल हैं. जिनमें उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 416 AQI दर्ज किया. जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. दिल्ली NCT का AQI 382 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. NCR और आसपास के क्षेत्रों में भी खतरनाक रीडिंग जारी रहीं. जिसमें नोएडा (397), गाजियाबाद (396), ग्रेटर नोएडा (382), चरखी दादरी (366), बुलंदशहर (356), मेरठ (350), मानेसर (342) और बागपत (330) शामिल हैं.
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सबसे कम प्रदूषित शहरों के नाम
तमिलनाडु के अरियालुर में मात्र 13 AQI दर्ज किया. जो देश में सबसे अच्छा है और ‘अच्छा’ श्रेणी में आता है. अरियालुर के बाद ऊटी (15), करूर (16) और तिरुचिरापल्ली (16) भी सबसे साफ शहरों में रहे. तमिलनाडु राज्य ने शीर्ष दस सबसे साफ शहरों की सूची में आठ स्थान हासिल किए हैं. तंजावुर और पूर्वोत्तर भारत के शिलांग (मेघालय) का AQI 17 दर्ज किया गया. कर्नाटक के मैंगलोर (25) और दावणगेरे (26) के साथ, तमिलनाडु के पेरुनदुरई (21), तिरुपुर (22) और सलेम (22) ने भी सूची में जगह बनाई.
टॉप प्रदूषण हॉटस्पॉट्स में दिल्ली के सभी 11 जिले शामिल
AQI.in के अनुसार, 27 नवंबर की सुबह 1 बजे दिल्ली का प्रदूषण स्तर 421 AQI था. जो बहुत खराब की कैटेगरी में आता है. वहीं 20 नवंबर को यह 511 पहुंच गया था, जो खतरनाक से भी ज्यादा माना जाता है. इसके अलावा CREA के अनुसार, भारत के 60% जिले (749 में से 447) सालाना PM2.5 के मामले में NAAQS मानकों से अधिक हैं, जबकि कोई भी जिला WHO की 5 µg/m³ की सख्त गाइडलाइन तक नहीं पहुँच पाया. टॉप प्रदूषण हॉटस्पॉट्स में दिल्ली के सभी 11 जिले शामिल हैं. रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज़्यादा प्रदूषित जिलों का बड़ा हिस्सा कुछ ही राज्यों में सीमित है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदूषण की समस्या कई क्षेत्रों में क्लस्टर के रूप में उभर रही है. दिल्ली और असम के 11–11 जिले अकेले टॉप 50 सूची का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं.
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