CWC Meeting: कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की मीटिंग शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान पार्टी की हालिया विधानसभा चुनाव में हुई हार को लेकर भी मंथन किया गया। इसके अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, संचार प्रभारी जयराम रमेश, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बीच में राहुल और प्रियंका गांधी बाहर आए। कुछ देर बाद ही दोनों फिर मीटिंग में शामिल हो गए। इस दौरान पार्टी की भविष्य की रणनीतियों और दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।
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बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की बड़ी चूक गिनाते हुए कई मुद्दों का जिक्र किया। खरगे ने कहा कि एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से हमें चुनावों में नुकसान हुआ है। चुनाव में माहौल पक्ष में होना जीत की गारंटी नहीं है। माहौल को नतीजों में बदलना होगा। कई राज्यों में संगठन अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर रहा है। राष्ट्रीय विषयों और राष्ट्रीय नेताओं के जरिए कब तक आप राज्यों का चुनाव जीतेंगे? लोकल मुद्दों के इर्द-गिर्द चुनावी कैंपेन तैयार करना होगा। खरगे ने कहा कि कई बार हम खुद अपने शत्रु बन जाते हैं। हम खुद अपने बारे में नकारात्मक बातें करते हैं। EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। हमें ग्रासरूट से एआईसीसी लेवल तक बदलाव करना होगा। अति उत्साह से भी बचना होगा।
हरियाणा में गुटबाजी से हारी कांग्रेस?
महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी क्यों पिछड़ी? इसको लेकर भी मंथन किया गया। दोनों राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस को आत्मचिंतन करना पड़ा है। कांग्रेस हरियाणा में अपनी स्थिति सेफ मानकर चल रही थी। लेकिन पार्टी को यहां आश्चर्यचकित हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी की तीसरी बार सरकार बनी। इसकी उम्मीद कांग्रेस को जरा भी नहीं थी। जिसके बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने माना कि आपसी गुटबाजी और बयानबाजी की वजह से कांग्रेस हारी। अब कांग्रेस की कार्य समिति पार्टी के प्रदर्शन का आकलन कर रही है। पार्टी EVM को लेकर रणनीति बना रही है। कांग्रेस का प्रयास है कि इस मुद्दे को व्यापक बनाकर जनता के बीच ले जाया जाए।