संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद कानून बनने वाले विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) को लेकर विपक्ष की नाराजगी अभी खत्म नहीं हुई है. शुक्रवार को राहुल गांधी ने अपने एक बयान में VB-G RAM G को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए इसे राज्यों और गरीब जनता पर नोटबंदी जैसा विनाशकारी हमला बताया. कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए राहुल ने तर्क दिया कि इस कदम से राज्यों को मिलने वाले धन और निर्णय लेने के अधिकार का दुरुपयोग होता है.
‘मनरेगा बचाओ आंदोलन’ का ऐलान
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल से परामर्श किए बिना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को अकेले ही समाप्त कर दिया, ठीक उसी तरह जैसे नोटबंदी में किया गया था. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद रहे. कांग्रेस आलाकमान की इस मीटिंग में केंद्र सरकार के VB-G RAM G द्वारा मनरेगा (MGNREGA) योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया, साथ ही 5 जनवरी, 2026 को देशभर में ‘मनरेगा बचाओ आंदोलन’ शुरू करने का ऐलान किया गया.
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‘मनरेगा’ को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त
गौरतलब है कि 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि अब से देश में 500 और 1000 रुपये के नोट वैलिड नहीं रहेंगे. राहुल ने आगे कहा कि पूर्व मनरेगा अधिनियम को महज एक रोजगार योजना से कहीं अधिक है और ये एक परिवर्तनकारी वैचारिक और विकासात्मक ढांचा है, जिसे वैश्विक मान्यता प्राप्त है. राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे के पहले के बयानों को सपोर्ट करते हुए कहा कि ‘मनरेगा’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सराहना मिली है. उन्होंने कहा कि खर्गे ने 16 देशों का दौरा किया था और हर देश में नेताओं और नीति निर्माताओं ने इस अधिनियम के माध्यम से एक अद्वितीय, अधिकार-आधारित विकास मॉडल पेश करने के लिए भारत की प्रशंसा की.










