---विज्ञापन---

Congress President Election: आखिर में आए और बन गए सबसे बड़े दावेदार, जानें कौन हैं मल्लिकार्जुन खड़गे

Congress President Election: सोनिया और राहुल गांधी के इनकार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के कई सीनियर नेताओं के नाम सामने आए। सबसे पहले शशि थरूर, फिर अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और आखिर में मल्लिकार्जुन खड़गे। फिलहाल, चुनावी मैदान में शशि थरूर जमे हुए हैं जिन्हें टक्कर देने के लिए मल्लिकार्जुन […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Oct 1, 2022 14:13
Share :

Congress President Election: सोनिया और राहुल गांधी के इनकार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के कई सीनियर नेताओं के नाम सामने आए। सबसे पहले शशि थरूर, फिर अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और आखिर में मल्लिकार्जुन खड़गे।

फिलहाल, चुनावी मैदान में शशि थरूर जमे हुए हैं जिन्हें टक्कर देने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे मैदान में कूद गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर एक राय बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसा होता है तो फिर हो सकता है कि चुनाव से पहले यानी 17 अक्टूबर से पहले ही उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया जाए।

अभी पढ़ें Congress President Election: सीएम गहलोत बने खड़गे के प्रस्तावक, क्या हैं इसके मायने?

गहलोत से लेकर दिग्विजय तक… वापस ली दावेदारी

मल्लिकार्जुन खड़गे से पहले अध्यक्ष पद के लिए सबसे बड़ा नाम अशोक गहलोत का था। अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन राजस्थान में उनके उत्तराधिकारी पर एक राय नहीं बनने के चलते उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली। इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का नाम भी सामने आया लेकिन इन दोनों सीनियर नेताओं ने भी अपनी दावेदारी वापस ले ली।

गांधी परिवार के ‘मिस्टर भरोसेमंद’ हैं खड़गे

यूनिवर्सिटी इलेक्शन से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के करीबी और मिस्टर भरोसेमंद हैं। छात्र राजनीति के बाद वे मजदूरों के नेता बने और कई बार उनकी आवाज को बुलंद भी किया।

कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती में 12 जुलाई 1942 को खड़गे का जन्म हुआ था। किसान परिवार में जन्में खड़गे ने गुलबर्गा से स्कूली शिक्षा, ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद एलएलबी की और यहां वकालत करने लगे।

साल 1969 में खड़गे ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा और तीन साल बाद 1972 में पहली बार कर्नाटक के गुरमीत विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। बता दें कि इस सीट पर वे नौ बार विधायक चुने जा चुके हैं। कई बार कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के दौरान उन्हें मंत्री भी बनाया गया।

2009 में खड़गे पहली बार गुलबर्गा से ही सांसद चुने गए। इसके बाद इस सीट से वे दोबारा सांसद बने। मनमोहन सिंह की सरकार वे में रेल मंत्री भी रह चुके हैं। फिलहाल, वे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे बड़े दावेदार कैसे?

मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कांग्रेस के अधिकतर सीनियर नेता सहमत बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान के घर हुई एक बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश जारी है। अगर ये कोशिश रंग लाती है तो फिर करीब 20 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से अलग नया अध्यक्ष मिल जाएगा।

खड़गे महादलित समुदाय से आते हैं। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अगर किसी दलित नेता को अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर पार्टी देशभर में दलित और महादलित वोट बैंक को साध सकती है। खड़गे को अध्यक्ष बनाने का फायदा कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में हाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में मिल सकता है।

अभी पढ़ें Congress President Election: सीएम गहलोत बने खड़गे के प्रस्तावक, क्या हैं इसके मायने?

नामांकन के लिए आज आखिरी दिन

कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए आज आखिरी दिन है। नामांकन पूरा होने के बाद प्रत्याशी आठ अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। अगर नाम वापसी के तारीख तक एक से अधिक प्रत्याशी मैदान में बचते हैं तो फिर 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और दो दिन बाद 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। अगर, नाम वापसी के बाद एक ही प्रत्याशी रहा तो फिर उसे निर्विरोध कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया जाएगा।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरम्भ हुई थी।

अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

First published on: Sep 30, 2022 02:58 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें