Supreme Court Fake Website: देश में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। शातिरों ने सुप्रीम कोर्ट के नाम से एक फर्जी वेबसाइट बना डाली है। मामला सामने आते ही सुप्रीम कोर्ट ने इसका गंभीरता के साथ संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि लोग किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी इस फर्जी वेबसाइट पर साझा न करें।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया सर्कुलर
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से जारी सर्कुलर में लिखा है कि रजिस्ट्री जनता को सलाह देती है कि वे प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना इस फर्जी लिंक पर न तो क्लिक करें और न ही उसे साझा करें। उन्होंने कहा है कि भारत का सुप्रीम कोर्ट कभी भी व्यक्तिगत जानकारी, वित्तीय विवरण या कोई अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगेगा।
ये है सुप्रीम कोर्ट की असली वेबसाइट
उन्होंने कहा है कि कृपया यह भी ध्यान रखें, भारत का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के डोमेन का नाम www.sci.gov.in है, जो उपयोगकर्ताओं के लिए है। किसी भी यूआरएल पर क्लिक करने से पहले इसे सत्यापित करने के लिए हमेशा यूआरएल पर होवर करें।
धोखाधड़ी के लिए हो रहा इस्तेमाल
फिशिंग एक प्रकार का साइबर हमला है, जिसमें हमलावर व्यक्तियों को उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर या व्यक्तिगत पहचान विवरण जैसी संवेदनशील जानकारी लेकर धोखा देने के लिए भ्रामक रणनीति का इस्तेमाल करते हैं। इस जानकारी को लेने का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
पासवर्ड बदलने की दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि शातिरों ने असली साइट की नकल करके फर्जी वेबसाइट तैयार की है। कोर्ट ने फिशिंग हमले के पीड़ित सभी लोगों को ऑनलाइन खातों के पासवर्ड बदलने और इस फर्जी वेबसाइट की रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियों से संपर्क करने की भी सलाह दी।
सीजेआई मे कही ये बात
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने वकीलों और वादियों को सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट के बारे में चेतावनी दी है। साथ ही उन्हें डिजीटल लेनदेन में सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा है कि कृपया सावधान रहें। उस लिंक पर क्लिक न करें। लेनदेन के लिए इसका उपयोग न करें।