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19 बंदरों की मौत से मचा हड़कंप, 4 सड़े शव बरामद; आखिर क्या है पूरा माजरा?

Chattisgarh 19 Monkey Death Story: छत्तीसगढ़ में बंदरों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। 19 बंदरों की मौत की खबर ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। बंदरों के 4 सड़े हुए शव बरामद किए गए हैं। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 2, 2024 16:13
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19 Monkey Shoot Dead in Chattisgarh
छत्तीसगढ़ में बंदरों की मौत। PIC Credit: Freepik

19 Monkey Shoot Dead in Chattisgarh: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां के एक गांव में 19 बंदरों को गोली मार दी गई। इनमें से कई बंदरों की मौत हो गई है। वहीं वन विभाग पर बदंरों की मौत को नजरअंदाज करने और मामले को छिपाने के आरोप लग रहे हैं। खबरों की मानें तो कई बंदरों के शव अभी तक लापता है। 4 शवों को कुत्तों ने बुरी तरह से क्षत-विक्षत कर डाला। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके से बंदरों के क्षत-विक्षत शव और कंकाल बरामद किए हैं।

क्या है पूरा मामला?

पंचायत के प्रतिनिधि का कहना है कि कुछ बंदर गांव के लोगों को काफी परेशान करते थे। वो अक्सर घरों में घुस कर खाने-पीने की चीजों पर हमला बोल देते थे। इससे निपटने के लिए गांव के लोगों ने दो मजदूरों को काम पर रखा और उन्हें छर्रे वाली बंदूक से बंदरों को गोलियां मारने का काम सौंपा गया। वन विभाग को जब इसकी जानकारी दी गई, तो उन्होंने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। हालांकि वन विभाग ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बंदरों की मौत कैसे हुई, कोई नहीं जानता। मामले की जांच की जा रही है।

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बंदरों के झुंड पर मारी गोली

बेलगांव पंचायत के पंच सीताराम वर्मा का कहना है कि यह घटना 28 अगस्त की है। 2 मजदूरों को बंदरों को भगाने का काम दिया गया था। उन्होंने बंदरों के झुंड पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना में कई बंदर घायल हो गए और कुछ वहां से भाग निकले। घायल बंदरों में कई सारे मौत के घाट उतर गए हैं। हालांकि अभी तक सभी बंदरों के शव नहीं मिले हैं।

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चौंकाने वाला खुलासा

सीताराम वर्मा का कहना है कि मैं पंचायत के इस फैसले के सख्त खिलाफ था। बंदरों को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। इसलिए उनपर हिंसा करना ठीक नहीं है। मगर मेरी बात किसी ने नहीं सुनी। मैंने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी दी, लेकिन वो 2 दिन बाद 30 अगस्त को पंचनामे के लिए गांव में आए। कई बंदरों के शवों को कुत्ते खा गए थे। वन विभाग के अधिकारी 4 सड़े हुए शवों और कंकालों को अपने साथ ले गए। सीताराम वर्मा ने दावा किया है कि उन्होंने 17 बंदरों के शवों का वीडियो और फोटो अधिकारियों को भेजा था। मगर वन विभाग मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करता रहा। इस घटना के आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

फॉरेंसिक टीम कर रही जांच

दुर्ग के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) चंद्रशेखर परदेसी का कहना है कि गांव में 4 बंदरों के सड़े हुए शव मिले हैं। 18-19 बंदरों की मौत की खबर सामने आई है। वन विभाग की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रखा है। शव बुरी तरह से सड़ चुके हैं, इसलिए उनका पोस्टमार्टम संभव नहीं है। बंदरों के सिर्फ कंकाल बचे हैं। फॉरेंसिक टीम ने सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है। इस मामले पर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

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HISTORY

Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 02, 2024 04:13 PM

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