Chandrayaan 3 Found Unknown Event on Moon: चंद्रयान-3 ने चांद के सतह पर 23 अगस्त को लैंड किया था। इसके बाद से विक्रम और प्रज्ञान वहां अपनी खोज में जुट गए हैं। लगातार वहां से आंकड़े जुटा रहे हैं। इसी क्रम में एक ताजा जानकारी सामने आई है। विक्रम ने चंद्रमा पर कंपन महसूस किया है।
जहां लैंड किया वहीं महसूस किया कंपन
जानकारी के मुताबिक, 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर उतरा था, वहां अब एख एक अज्ञात घटना का पता लगा है। इसरो के अनुसार इस घटना को विक्रम के इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिक एक्टिविटी (ILSA) पेलोड द्वारा दर्ज किया गया है। इसरो की ओर से बताया गया है कि लैंडर को प्राकृतिक भूकंपों, प्रभावों और कृत्रिम घटनाओं से पैदा जमीनी कंपन को मापने के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस), बेंगलुरु की प्रयोगशाला ने डिजाइन किया गया है।
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Chandrayaan-3 Mission:
In-situ Scientific Experiments---विज्ञापन---Instrument for the Lunar Seismic Activity (ILSA) payload on Chandrayaan 3 Lander
— the first Micro Electro Mechanical Systems (MEMS) technology-based instrument on the moon —
has recorded the movements of Rover and other… pic.twitter.com/Sjd5K14hPl— ISRO (@isro) August 31, 2023
कंपन की जांच में जुटे हैं वैज्ञानिक
कंपन के अलावा, इसरो ने कहा कि मिशन ने 26 अगस्त की एक घटना के बारे जानकारी भेजी है। आशाका है कि ये घटना स्वाभाविक लगती है, हालांकि इसकी प्रकृति और उत्पत्ति का निर्धारण करने के लिए जांच चल रही है। इसरो ने कहा कि आईएलएसए चंद्रमा पर पहला माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) प्रौद्योगिकी-आधारित डिवाइस है। यह प्रज्ञान रोवर और अन्य पेलोड की ओर से बनाए गए कंपन को भी रिकॉर्ड करने में सक्षम है।
14 दिन के बराबर है एक दिन
बता दें कि आईएलएसए विक्रम लैंडर पर चार पेलोड में से एक है, जिसे छह पहियों वाले प्रज्ञान रोवर के समान कम से कम 14 पृथ्वी दिवस (एक चंद्र दिवस) तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है। कंपन के अलावा इसरो ने लैंडिंग स्थल के आसपास ऑक्सीजन, सल्फर, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों के पाए जाने की पुष्टि की है। चंद्रमा पर मिट्टी के उप-सतह तापमान को भी मापा है।