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पूरे देश में आज से नया वक्फ कानून लागू, केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी थी। इसे संसद के बजट सत्र के दौरान पारित किया गया था। वहीं, आज केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी।

Author Written By: Kumar Gaurav Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 8, 2025 19:49

वक्फ संशोधन अधिनियम पूरे देश में आज यानी 8 अप्रैल से प्रभाव में आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल किया है। इसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले केंद्र सरकार को सुना जाए।

वक्फ बोर्डों की भूमिका और अधिकार में बदलाव

इस अधिनियम के तहत वक्फ संपत्तियों से संबंधित प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना और वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। संशोधन अधिनियम के लागू होने के साथ ही वक्फ बोर्डों की भूमिका, उनके अधिकार और जिम्मेदारियों में बदलाव आया है, जिससे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, देखरेख और उपयोग को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि यह अधिनियम समुदाय की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और उनका सार्वजनिक हित में उपयोग सुनिश्चित करना है।

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केंद्र ने जारी की अधिसूचना

केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 (2025 का 14) की उप-धारा (2) की धारा 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 8 अप्रैल, 2025 को वह तारीख नियुक्त करती है जिस दिन उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।’

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सुप्रीम कोर्ट में 10 याचिकाएं दायर

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक कुल 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें अलग-अलग पार्टी के राजनेताओं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिकाएं शामिल हैं। इन याचिकाओं में नए बनाए गए कानून की वैधता को चुनौती दी गई है। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। बता दें कि कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, सिविल राइट्स संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और केरल के सुन्नी मुस्लिम संगठन केरल जमीयतुल उलेमा ने अलग-अलग याचिका दायर की है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल किया है। कैविएट एक तरह की अर्जी होती है। इसे कोई भी पक्ष हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर सकता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी आदेश बिना उसे सुने पारित न किया जाए। केंद्र सरकार ने यह कैविएट वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ दाखिल किया है।

First published on: Apr 08, 2025 07:44 PM

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