Defence Espionage Case: कनाडा का रहने वाला कारोबारी राहुल गंगल रक्षा जासूस निकला है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। गंगल को पहले से गिरफ्तार पत्रकार विवेक रघुवंशी से रक्षा और सशस्त्र बलों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज मिल रहे थे। राहुल गंगल को 2019 में कनाडा की नागरिकता मिली है। वह दिल्ली पहुंचा था, तभी उसे दबोच लिया गया।
सीबीआई के अनुसार, राहुल गंगल ने रक्षा डीलर के रूप में काम किया है और वह जर्मनी स्थित कंसल्टेंसी फर्म, रोलैंड बर्जर से जुड़ा है। वह कथित तौर पर एयरोस्पेस, रक्षा, इंजीनियरिंग उत्पाद, ऑटोमोटिव, होमलैंड सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के सौदे में शामिल है। राहुल गंगल ने एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में एक निवेश बैंकर और निजी इक्विटी व्यवसायों के रूप में एक शीर्ष भारतीय फर्म के लिए भी काम किया है।
Central Bureau of Investigation (CBI) has arrested Canada-based NRI Rahul Gangal in an ongoing defence espionage case
Details awaited.
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 22, 2023
पत्रकार और पूर्व नौसेना कमांडर से भी है कनेक्शन
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि आरोपी राहुल को विशेष अदालत ने चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। जासूसी के आरोप में 16 मई को एक पूर्व नौसेना कमांडर आशीष पाठक और एक स्वतंत्र पत्रकार विवेक रघुवंशी को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर रक्षा मामलों से जुड़े संवेदनशील जानकारी अवैध रुप से जुटाकर इसे विदेशी खुफिया एजेंसियों को देने का आरोप है।
12 जगहों पर सीबीआई ने मारी थी रेड
रघुवंशी को अपनी वेबसाइट पर रक्षा और रणनीतिक मामलों पर एक अमेरिकी-आधारित पोर्टल के भारत संवाददाता के रूप में शामिल किया था। गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने जयपुर और दिल्ली में 12 स्थानों की तलाशी ली और उनके करीबी लोगों से भी बात की। तलाशी के दौरान कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए। रघुवंशी और पाठक पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 (जासूसी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई को शक है कि जासूसी के पीछे एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हाथ था, जिसमें कुछ भारतीय पत्रकार दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियों को रणनीतिक गुप्त सूचनाएं मुहैया करा रहे थे।
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