केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को कई बड़े फैसले लिए गए हैं। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश में 4 नए सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली है। इस परियोजना पर 4,594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय रेल मंत्री अश्चिनी वैष्णव ने बताया कि ये परियोजनाएं देश के ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में शुरू की जाएगी। इससे 2 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार की मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही अब भारत में 10 सेमीकंडक्टर यूनिट हो गई हैं।
अंतरिक्ष उपकरणों, उपग्रहों, रॉकेट और रेल इंजनों में उपयोग होगी चिप्स
केंद्रीय कैबिनेट ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत चार सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इसके तहत ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में इसकी यूनिट स्थापित की जाएंगी। ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थापित होने वाली सेमीकंडक्टर इकाई में सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर का निर्माण किया जाएगा। यहां बनने वाले चिप्स का उपयोग रक्षा और अंतरिक्ष उपकरणों, उपग्रहों, रॉकेट और रेल इंजनों में किया जाएगा। ओडिशा में ही 3D ग्लास की दूसरी इकाई स्थापित की जा रही है। इसका उपयोग एयरोस्पेस, रडार, रक्षा और वायरलेस तकनीक में किया जाएगा।
2 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
सेमीकंडक्टर उपकरणों के निर्माण के लिए पंजाब के मोहाली में एक संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। वहीं, आंध्र प्रदेश में भी उन्नत तकनीक का एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसकी क्षमता प्रति वर्ष 96 मिलियन चिप्स बनाने की है। इन पर लगभग 4,594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन परियोजनाओं से 2034 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का हुआ निवेश
यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम को बढ़ावा देगी। इस योजना की वजह कई अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे। देश में अब आईएसएम के तहत कुल 10 स्वीकृत परियोजनाएँ हैं। पूर्व की परियोजनाओं के तहत 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।