नई दिल्ली: नूंह में स्थानीय प्रशासन ने हरियाणा के मुस्लिम बहुल जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा में नामित लोगों की लगभग 250 झोपड़ियों को यह कहते हुए ध्वस्त कर दिया कि वे अवैध थीं। कई समाचार रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने कहा कि ये झोपड़ियां बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासियों की थीं और इनका इस्तेमाल धार्मिक यात्रा पर पथराव करने के लिए किया गया था।
द ट्रिब्यून ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि पथराव करने और दुकानों पर हमला करने वाले ज्यादातर उपद्रवी बस्ती से थे। रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के विध्वंस अभियान चलाने की योजना बनाई है, जहां भीड़ ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा निकाले गए जुलूस पर हमला किया था।
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ओएसडी नरेंद्र बिरजानिया ने कहा, ‘हमने विध्वंस किया है और मुख्य रूप से, ये संरचनाएं अवैध थीं। आप कोई अवैध ढांचा नहीं बना सकते और उसका इस्तेमाल कानून-व्यवस्था में बाधा डालने के लिए नहीं कर सकते।’ पुलिस ने कहा कि हरियाणा के नूंह जिले में एक मस्जिद में आग लगा दी गई और दूसरी मस्जिद में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई।
नूंह और गुरुग्राम में अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को हिंसा का कोई ताजा मामला सामने नहीं आया। उन्होंने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला जो जिले में सांप्रदायिक झड़पें भड़कने के समय छुट्टी पर थे, उनका तबादला कर दिया गया है। सिंगला को भिवानी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।