केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब देशव्यापी जनजागरूकता अभियान चलाने जा रही है। बीजेपी के मुताबिक, यह विधेयक सामाजिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन विधेयकों को उन लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है, जिनकी आवाजें अब तक अनसुनी रह गई थीं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि इससे विशेष रूप से मुस्लिम माताओं-बहनों, गरीब और उपेक्षित मुस्लिम समुदाय को लाभ मिलेगा।
20 अप्रैल से 5 मई तक चलेगा अभियान
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशानुसार पार्टी 20 अप्रैल से 5 मई 2025 तक ‘वक्फ सुधार जनजागरूकता अभियान’ शुरू करने जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य वक्फ से जुड़े नए विधेयकों के लाभ और महत्व को आम जनता तक पहुंचाना है।
अभियान की कार्ययोजना
इस अभियान को प्रदेश स्तर, जिला स्तर और मंडल स्तर पर चलाया जाएगा। साथ ही कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी और समन्वय एवं निगरानी की जाएगी।
1. प्रदेश स्तर:-
- मुस्लिम और अन्य समाज के धार्मिक नेताओं, वकीलों, शिक्षकों, डॉक्टरों, कलाकारों, महिला कार्यकर्ताओं, मीडिया प्रमुखों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को शामिल करते हुए टाउन हॉल मीटिंग्स का आयोजन।
- ईसाई समाज के लोगों के साथ संवाद बैठकें।
- महिला नेताओं के साथ विशेष संवाद और टाउन हॉल मीटिंग्स।
- सांसद और विधायक अपने क्षेत्रों में संवाद सभाएं करेंगे।
2. जिला स्तर:-
- सभी जिलों में मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोगों के साथ संवाद।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रेजेंटेशन का आयोजन।
- युवा मोर्चा द्वारा विधानसभा स्तर पर संवाद कार्यक्रम।
3. मंडल स्तर:-
- घर-घर जाकर जनसंपर्क और प्रचार।
- महिला संवाद और मुस्लिम महिला संपर्क की विशेष योजना।
- डिजिटल अभियान के तहत ग्राफिक्स, वीडियो संदेश और वॉक्स-पॉप वीडियो का प्रसार।
4. कार्यशालाएं:-
- राष्ट्रीय कार्यशाला 10 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होगी।
- प्रदेश कार्यशालाएं 15 से 17 अप्रैल और जिला कार्यशालाएं 18-19 अप्रैल को होंगी।
5. समन्वय और निगरानी:-
- जिला और प्रदेश स्तर की रिपोर्टिंग की विशेष व्यवस्था।
- राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल के नेतृत्व में गठित टीम अभियान की निगरानी करेगी। इस टीम में केंद्रीय मंत्री अनिल एंटनी, डॉ. अरविंद मेनन और अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी शामिल हैं।
भाजपा का यह अभियान केवल विधेयकों की जानकारी देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद स्थापित कर सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को भी सशक्त बनाएगा।