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कौन हैं जस्टिस बीआर गवई? जो होंगे देश के अगले चीफ जस्टिस

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वे नवंबर 2025 तक इस पद पर रहेंगे। 13 मई को मौजूदा CJI संजीव खन्ना रिटायर हो रहे हैं।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 16, 2025 16:42

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं। 16 अप्रैल को सीजेआई संजीव खन्ना ने आधिकारिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, न्यायमूर्ति गवई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में अनुशंसित किया।

मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और 14 मई को न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वे लगभग छह महीने तक इस पद पर रहेंगे, क्योंकि नवंबर 2025 में वे स्वयं सेवानिवृत्त होने वाले हैं।”

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परम्परा के मुताबिक, मौजूदा CJI अपने कार्यकाल के आख़िरी महीने में, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज के नाम की सिफारिश सरकार को भेजते हैं। सरकार सामान्यतया उस सिफारिश को मान लेती है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के बड़े फैसले

न्यायमूर्ति गवई पांच न्यायाधीशों वाली उस संविधान पीठ का हिस्सा रह चुके हैं, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा था।

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राजनीतिक फंडिंग के लिए शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने वाली पीठ में भी न्यायमूर्ति गवई शामिल थे। इसके अलावा, वे उस पीठ का भी हिस्सा रहे हैं, जिसने केंद्र सरकार के वर्ष 2016 में ₹1,000 और ₹500 के नोटों को बंद करने के निर्णय को मंजूदी दी थी।

कौन हैं न्यायमूर्ति बी.आर. गवई?

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 1985 में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की और 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। इस दौरान उन्होंने पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्वर्गीय राजा एस. भोंसले के साथ भी कार्य किया।

उन्होंने नागपुर और अमरावती नगर निगम, अमरावती विश्वविद्यालय, SICOM और DCVL जैसे संस्थानों के लिए भी सेवाएं दीं। अगस्त 1992 में उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी अभियोजक नियुक्त किया गया। वर्ष 2000 में वे सरकारी वकील और सरकारी अभियोजक बने।

 

First published on: Apr 16, 2025 04:25 PM

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