Bhargavastra Anti-Drone Weapon: भारत दिन-प्रतिदिन अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में लगा हुआ है। इसी प्रक्रिया में भारत ने स्वदेशी ‘भार्गवास्त्र’ ड्रोन-रोधी प्रणाली का सफल परीक्षण कर लिया है। भारत ने लगातार 4 दिनों के गहन संघर्ष के बाद मंगलवार को ओडिशा के गोपालगंज में सीवार्ड फायरिंग रेंज ‘भार्गवास्त्र’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसके परीक्षण की खबर सुनने के बाद से ही पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं कि क्या है ‘भार्गवास्त्र’ और इसके इस्तेमाल से पाक के नापाक इरादे कैसे होंगे निस्ते-नाबूत।
क्या ‘भार्गवास्त्र’ जो पाक के लिए बना मुसीबत?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ‘भार्गवास्त्र’ आखिर है क्या जिसने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल ‘भार्गवास्त्र’ एक बहुस्तरीय ड्रोन-रोधी प्रणाली है। ये छोटे-छोटे और स्पीड से आने वाले ड्रोनों का पता पलभर में ही लगा सकता है। ‘भार्गवास्त्र’ की खास विशेषता ये है कि ये 6 से 10 किलोमीटर दूर से ही तेजी से आ रहे छोटे से छोटे ड्रोन का आसानी से पता लगा लेता है और उसे आसमान में ही ध्वस्त कर देता है।
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किसने किया ‘भार्गवास्त्र’ को डिजाइन
अब ये जान लेते हैं कि ‘भार्गवास्त्र’ को किसने डिजाइन किया है। जान लें कि भार्गवास्त्र को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) के द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। ये ड्रोन झुंड के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जानकारी के लिए बता दें कि 13 मई को गोपालपुर में आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के तीन परीक्षण किए गए। एक परीक्षण दो सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया।
5.🇮🇳💥INDIA’S NEW DRONE SYSTEM MAKES WAVES IN MILITARY TECH
Successfully tested, Bhargavastra is a game-changing low-cost Counter Drone System, designed to neutralise drone swarms with pinpoint precision. pic.twitter.com/9VjJwgJELk
— Sputnik India (@Sputnik_India) May 14, 2025
क्या है ‘भार्गवास्त्र’ का उद्देश्य
पहलगाम अटैक के बाद से ही भारत-पाक के रिश्तों में और भी ज्यादा खटास आ गई है। पाक के ड्रोन सीमावर्ती इलाकों में देखे गए, हालांकि उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया गया। ऐसे में भारत की ओर से सुरक्षा क्षमता को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ‘भार्गवास्त्र’ का निर्माण किया गया है। इसका उद्देश्य है कि दुश्मन के द्वारा छोड़े गए ड्रोन को तुरंत रोकना है, ताकि झुंड में हमला करने की क्षमता वाली छोटी, निर्देशित मिसाइलों का उपयोग करके उन्हें निश्चित रूप से मार गिराया जा सके।
‘भार्गवास्त्र’ की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
1. 20 मीटर की घातक त्रिज्या वाले गैर-निर्देशित सूक्ष्म रॉकेट, जो 2.5 किमी तक के ड्रोन झुंड को बेअसर कर सकते हैं।
2. सटीक निशाना साधने के लिए निर्देशित माइक्रो-मिसाइल, जिनका पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण हो चुका है।
3. एकीकृत सुरक्षा के लिए जैमिंग और स्पूफिंग जैसी सॉफ्ट-किल विधियां।
4. छोटे हवाई खतरों का पता लगाने के लिए 6 से 10 किमी की रडार रेंज।
5. कम रडार क्रॉस-सेक्शन ड्रोन की पहचान के लिए ईओ/आईआर सेंसर से लैस।
6. एकल या एकाधिक खतरों से निपटने के लिए जागरूकता प्रदान करता है।
7. उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विविध भूभागों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया।
पाकिस्तान क्यों चिंता में?
अब सवाल ये है कि ‘भार्गवास्त्र’ के सफल परीक्षण से पाकिस्तान की चिंता क्यों बढ़ गई है। दरअसल ये इतना खतरनाक है कि आसमान में उड़ने वाले छोटे से छोटे ड्रोन का भी बहुत दूर से पता लगा सकता है। ये झुंड दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए अलग-अलग दिशाओं से आते हैं। ऐसे में पाकिस्तान के नापाक इरादे आसमान में ही नष्ट हो जाएंगे जो उसकी चिंता का कारण बन रहा है।
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