Ayodhya Masjid Latest News Update: अयोध्या में बन रही मस्जिद का काम अचानक से रोक दिया गया है। इस खबर से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी लोग हैरान है। सबके मन में एक ही सवाल है कि मस्जिद के निर्माण पर ब्रेक क्यों लग गया है? अयोध्या में मस्जिद बनेगी या नहीं, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मस्जिद का निर्माण करवाने वाले ट्रस्ट IICF ने मस्जिद के लिए बनाई गई चारों कमेटियों को भंग कर दिया है। ऐसे में अयोध्या मस्जिद को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। आइए जानते हैं कि आखिर मस्जिद को लेकर कहां पेंच फंसा हुआ है?
5 साल से अटका निर्माण
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर पर मुहर लगा दी थी। इसी के साथ कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने की बात कही थी। अदालत के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार ने मस्जिद के लिए दूसरी जमीन आवंटित की। पिछले 5 सालों में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया, लेकिन मस्जिद का काम अभी पूरी तरह से शुरू भी नहीं हो सका। इसी बीच मस्जिद के लिए बने ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने मस्जिद का काम रुकवा दिया है। IICF ने मस्जिद के लिए 4 कमेटियां भी गठित की थी, जिन्हें भंग कर दिया गया है।
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क्यों रुका मस्जिद का निर्माण?
IICF के अनुसार आर्थिक तंगी के कारण मस्जिद का काम रोका गया है। मस्जिद का निर्माण करवाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। केंद्र सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी थी। हालांकि मस्जिद का शिलान्यास भी अभी नहीं हुआ है। इस जमीन की देख-रेख के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने IICF का गठन किया था। IICF के सचिव अतहर हुसैन के अनुसार FCRA की मंजूरी हासिल करने और पैसे जुटाने के लिए समितियों को भंग करना जरूरी था। यह समितियां काम में बाधा बन रही थीं। मस्जिद के नाम पर दान देने के लिए कई फर्जी खाते खोले जा रहे थे। हमने इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई है।
कैसी होगी अयोध्या मस्जिद?
IICF ने मस्जिद के लिए आवंटित की गई 5 एकड़ जमीन पर सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल, सामुदायिक मस्जिद, पुस्तकालय और मस्जिद बनाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि ट्रस्ट को पैसों की कमी आ रही थी। पिछले 4 साल में IICF को दान के रूप में 1 करोड़ की धनराशि मिली है। हालांकि नक्शे को अमली जामा पहनाने के लिए ट्रस्ट को 3-4 करोड़ रुपये की जरूरत है।
कब शुरू होगा काम?
IICF के सचिव अतहर हुसैन का कहना है कि हम आम लोगों और संगठनों के साथ बैठक कर रहे हैं। कई कंपनियों की तरफ से CSR फंड मिलने पर बातचीत चल रही है। पूरी तरह से धन एकत्रित होने के बाद मस्जिद का काम शुरू हो जाएगा। हम चाहते हैं कि काम शुरू होने के बाद बीच में रोकना न पड़े।
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