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भारत के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन में रिकॉर्ड उछाल, 10 साल, 5 गुना बढ़ोतरी… मिलीं 25 लाख नौकरियां

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने 11 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है। यह आंकड़ा पिछले 10 सालों में 5 गुना बढ़ोतरी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Apr 20, 2025 12:20
Ashwini Vaishnav

पिछले 10 सालों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। इसकी जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को दी। यह बात उन्होंने मानेसर में वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज की एसएमटी लाइन के उद्घाटन के मौके पर बोली। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की नीतियों और प्रोत्साहनों के चलते भारत का इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच गया है। इसी पीरियड में इलेक्ट्रॉनिक निर्यात भी 6 गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जिससे इस पूरे क्षेत्र में 25 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं। इस दौरान उन्होंने कई बड़ी बातों पर प्रकाश डाला।

दुनियाभर में मिल रही पहचान

अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को हरियाणा के मानेसर में वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज की एसएमटी लाइन के उद्घाटन में शामिल हुए। जहां पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘भारतीय उत्पादों को अब वैश्विक बाजार में उनकी विश्वसनीयता और गुणवत्ता के चलते पहचान मिल रही है।’ उन्होंने कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचा है। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में भी 6 गुना बढ़ोतरी हुई, जो अब 3.25 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इससे इस पूरे क्षेत्र में 25 लाख नौकरियां भी पैदा हुई हैं। साथ ही आने वाले सालों में तेजी से विकास किया जाएगा।

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सरकार ने बनाई नई योजना

अश्विनी वैष्णव ने नई योजना के महत्व को बताते हुए कहा कि ‘हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई नई इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम, ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी, क्योंकि इससे एआई सर्वर, नेटवर्किंग उपकरण और मदरबोर्ड जैसे बड़े और जटिल उत्पादों का उत्पादन किया जा सकेगा। इस योजना के दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘भारत के पास अब न केवल मैन्युफैक्चरिंग, बल्कि परिष्कृत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (Sophisticated Electronic Products) की डिजाइनिंग का टैलेंट भी है। इससे डिजाइनिंग कैपेसिटी की कमी वाले दूसरे देशों की तुलना में देश को महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है।’

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उन्होंने यह भी बताया कि भारत की डिजाइन कैपेसिटी अब जटिल उत्पादों जैसे AI-संचालित कैमरे, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्यूनिकेशन इक्विपमेंट और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स को बनाने का रास्ता बना रही है, जिससे भारत एक इम्पोर्टेन्ट इलेक्ट्रॉनिक सेंटर के तौर पर उभरा है।

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First published on: Apr 20, 2025 12:20 PM

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