Centre’s Ordinance: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। केजरीवाल को केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सोरेन का समर्थन मिला है। इस मौके पर केजरीवाल ने कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें तय करना है कि वो देश के जनतंत्र-संविधान और 140 करोड़ लोगों के साथ है, या फिर मोदीजी के साथ हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हेमंत सोरेन से लंबी चर्चा हुई। उन्होंने हमें संसद के अंदर और संसद के बाहर पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि जब संसद में ये अध्यादेश आए तब इसका विरोध करें।
वहीं, हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की ताकत पर ये बड़ा प्रहार है। संघीय ढांचे की बात केंद्र सरकार करती है, लेकिन काम बिल्कुल उसके विपरीत होता है। आज स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा कि जो केंद्र सरकार की सहयोगी सरकारें (राज्य सरकार) नहीं हैं उन सभी सरकारों की एक समान स्थिति है जो चिंता का विषय है।
#WATCH | Delhi CM & AAP national convener Arvind Kejriwal and Punjab CM Bhagwant Mann meet Jharkhand CM and JMM executive president Hemant Soren in Ranchi. pic.twitter.com/46REaFDoyf
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 2, 2023
बीजेपी सांसदों को भी लिखूंगा चिट्ठी
केजरीवाल ने कहा कि किसी भी राज्य के खिलाफ ऐसा अध्यादेश लाया जा सकता है। हमारे लिए दोनों YSR-BJD भी महत्वपूर्ण हैं, हमारे लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। मैं हर एक बीजेपी सांसद को भी चिट्ठी लिखूंगा कि ये उनकी पार्टी की लड़ाई नहीं है। ये देश के अंदर जनतंत्र को कायम रखने की लड़ाई है, आजादी की लड़ाई है। मेरा दिल कहता है कि ये बिल पास नहीं होगा।
किसी राज्य के अधिकार को छीन सकता है केंद्र
किसी भी राज्य के खिलाफ ऐसा अध्यादेश लाया जा सकता है। हमारे लिए दोनों YSR-BJD भी महत्वपूर्ण हैं, हमारे लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। मैं हर एक बीजेपी सांसद को भी चिट्ठी लिखूंगा कि ये उनकी पार्टी की लड़ाई नहीं है। ये देश के अंदर जनतंत्र को कायम रखने की लड़ाई है, आजादी की लड़ाई है। मेरा दिल कहता है कि ये बिल पास नहीं होगा।
बहुमत में नहीं भाजपा, गिर जाएगा अध्यादेश
राज्य सभा में बीजेपी की बहुमत नहीं है। 238 में 93 सीट उनकी हैं। सारी गैर भाजपाई पार्टियां इकट्ठी हो जाएं, तो ये अध्यादेश गिर जाएगा। ये दिल्ली की बात नहीं, अगर ये पास हो गया तो वो किसी भी प्रदेश के अधिकार छीन सकते हैं। जनता सुप्रीम होती है। अगर जनता के अधिकार को कोई अध्यादेश हराने चला है तो ऐसे अध्यादेश को हराना पड़ेगा। ये अध्यादेश देश की आजादी, देश की नींव पर प्रहार है। हम सभी पार्टियों के पास जाएंगे और पूरे देश को इकट्ठा करेंगे।
हम कोई निजी समस्या लेकर नहीं आए
वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि कोई निजी समस्या लेकर नहीं आए, ये लोकतंत्र की हत्या न हो, उसकी मुहिम है। राज्यपाल गैर बीजेपी शासित सरकारों पर कुछ न कुछ थोपते रहते हैं। सिलेक्टेड गवर्नर को इलेक्टेड सरकार से बड़ा कर रहे हैं। संघीय ढांचे को कमजोर करने वाले फरमानों के खिलाफ आवाज उठानी होगी।