---विज्ञापन---

हॉस्टल वार्डन बना ‘हैवान’, 21 बच्चियों से की दरिंदगी; अब मिली मौत की सजा… जानें पूरा मामला

Students Sexual Assault Case: कई साल तक मासूम बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के दोषी हॉस्टल वार्डन को मौत की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उसके मददगार को भी दोषी पाया है। मामला नवंबर 2022 का है। दोषी के खिलाफ एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी थी। जिसके बाद उसे पकड़ा गया था।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 26, 2024 18:02
Share :
Arunachal Pradesh court

Arunachal Pradesh Case: अरुणाचल प्रदेश की एक अदालत ने हॉस्टल वार्डन को मौत की सजा सुनाई है। उसे 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया है। विशेष POCSO अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया। वहीं, अपराध में शामिल एक हिंदी टीचर और पूर्व प्रिंसिपल को भी दोषी ठहराया है। जिन्होंने आरोपी की मदद की और रिपोर्ट नहीं दर्ज करवाई। उसे 20 साल जेल में रहना होगा। 21 नाबालिगों की पैरवी करने वाले वकील ओयाम बिंगेप्प ने फैसले पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिला है। अदालत ने हमारी फरियाद सुनी और आरोपियों को सख्त सजा दी। भारत का यह पहला मामला है, जब POCSO एक्ट के तहत किसी दोषी को पीड़ितों के साथ गंभीर फिजिकल यौन उत्पीड़न के लिए मौत की सजा सुनाई गई हो।

ये भी पढ़ें: Bulandshahr में कार नहीं देने पर इकलौते बेटे ने उठाया खौफनाक कदम, मां के सामने कॉन्‍स्‍टेबल पिता को उतारा मौत के घाट

विशेष न्यायाधीश जावेप्लू चाई ने तीनों दोषियों को सजा सुनाई। हॉस्टल वार्डन युमकेन बागरा छात्राओं को ड्रग्स देता था। इसके बाद उनका यौन उत्पीड़न करता था। वहीं, स्कूल के एक अन्य टीचर ताजुंग योरपेन और छात्रावास अधीक्षक की पहचान वाले डेनियल पर्टिन को मामले में बरी कर दिया गया। योरपेन पर एक छात्र का यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगे थे। लेकिन पीड़ित के बयानों में विरोधाभास मिला। जिसके बाद कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। पर्टिन के खिलाफ आरोपी को गिरफ्तारी से पहले शह देने का आरोप था। लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं मिले।

यह मामला नवंबर 2022 में सामने आया था। जब एक शख्स ने बागरा के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। 12 साल की जुड़वां बेटियों के साथ आरोपी ने यौन उत्पीड़न किया था। मामला सामने आने के बाद काफी बवाल मचा था। सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। जिसने पाया कि 2014 से 2022 के बीच आरोपी ने हॉस्टल वार्डन के तौर पर काम किया था। इस दौरान 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया गया था। इनमें 6 से 14 साल के 6 लड़के भी थे। 15 बेटियों के साथ दरिंदगी की गई थी।

आरोप पत्र में जिक्र था कि 6 नाबालिगों ने आत्महत्या का प्रयास भी किया। स्कूल की महिला शिक्षक नोंगदिर को अपराध की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने का दोषी पाया गया है। वहीं, पूर्व प्रिंसिपल शिंगतुंग योरपेन को मामला छिपाने के लिए सजा दी गई है।

ये भी पढ़ें: प्रेमजाल या ब्लैकमेलिंग…सिपाही संग कैसे भागी BJP नेता की पत्नी? बेटा भी ले गई साथ

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 26, 2024 05:40 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें