ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए मंजूरी दे दी है। इस कार्यक्रम को एडीए यानी वैमानिक विकास एजेंसी उद्योगों की साझेदारी के साथ लागू करेगी, जिसमें निजी और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को समान अवसर दिए जाएंगे। ऐसे में आइये जानते हैं क्या है एएमसीए जिसकी रक्षा मंत्री ने आज मंजूरी दी है।
एएमसीए पांचवी पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान है, जिसे एयरफोर्स के लिए डिजाइन किया जा रहा है। यह विमान अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा। इसमें सुपरक्रूज, उन्नत सेंसर, एआई तकनीक और स्टील्थ तकनीक जैसी खासियतें शामिल हैं। स्टील्थ तकनीक यानी ये विमान रडार बचने में माहिर होंगे। इनको दुश्मन आसानी से पकड़ नहीं पाएंगे। इसके अलावा ये विमान ध्वनि की गति से अधिक क्षमता के साथ उड़ान भरने में सक्षम होंगे।
In a significant push towards enhancing India’s indigenous defence capabilities and fostering a robust domestic aerospace industrial ecosystem, Defence Minister Rajnath Singh has approved the Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) Programme Execution Model. Aeronautical… pic.twitter.com/D0JTyQ5oqA
— ANI (@ANI) May 27, 2025
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पांचवी पीढ़ी के विमानों में उन्नत रडार सिस्टम होगा। इसके साथ ही कई ऐसी मिसाइलें होगी जो उसे उन्नत बनाएगी। इसके साथ ही ये एआई सिस्टम से लैस होंगे यानी स्वयं निर्णय लेने में सक्षम होंगे। ये विमान पूरी तरह से स्वदेशी होंगे। जोकि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।
इन सुविधाओं से लैस होगा विमान
पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों को डीआरडीओ की एडीए द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका लक्ष्य 2030 तक भारतीय वायुसेना को विश्वस्तरीय विमान देना है। विमान का वजन लगभग 25 टन होगा जोकि राफेल और सुखाई से छोटा और ज्यादा तेज होगा। ये विमान हवा से हवा और हवा से जमीन तक हमले करने में सक्षम होंगे। ये विमान कई लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम होंगे।
साबित होगा मील का पत्थर
इसकी बानगी इस साल बेंगलूरु में आयोजित की गई एयरो इंडिया में देखी गई जब अमेरिका और रूस ने अपने पांचवी पीढ़ी के हथियार को प्रदर्शनी में लाकर खड़ा किया था। आपको बता दें कि इसी कड़ी में AMCA को लेकर भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। इस कार्यक्रम को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी उद्योगों के साथ साझेदारी में लागू करेगी। यह कदम स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और योग्यता का उपयोग करके AMCA प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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