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कनाडा से भारत आ रहा था विमान, बम धमाके में 329 यात्रियों की गई थी जान; 39 साल बाद भी जारी जांच

Air India Flight 182 Kanishka Bomb Blast: एयर इंडिया की फ्लाइट 182 में हुए बम धमाके की आज 39वीं बरसी है। इस घटना में 329 यात्रियों की मौत हो गई थी। मृतकों में ज्यादा लोग भारतीय मूल के थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि कनाडा सरकार आज भी इस हादसे की जांच कर रही है लेकिन कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया है।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jun 22, 2024 16:10
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Air India Flight 182 Kanishka Bomb Blast: प्लेन में बम धमाके की झूठी खबर सुनकर ही लोगों के हाथ-पैर फूल जाते हैं। मगर आज से कुछ साल पहले प्लेन में बॉम्ब ब्लास्ट की सच्ची घटना ने कई लोगों को दहला कर रख दिया था। हम बात कर रहे हैं एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 182 की, जिसे कनिष्क बम धमाके के नाम से भी जाना जाता था। 39 साल पहले एयर इंडिया की इस फ्लाइट में भयंकर बम विस्फोट हुआ था। इस हादसे की जांच कनाडा सरकार आज भी कर रही है।

आज भी जारी है जांच

कनाडा सरकार के अफसर डेविड टेबोल ने हाल ही में एक हैरान करने वाले खुलासा किया है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी आतंकवादी क्षति का प्रभाव आज भी कम नहीं हुआ है। इस मामले की जांच आज भी की जा रही है। काफी लंबी चलने के साथ-साथ ये जांच बेहद जटिल हो हई है। मगर इसके आरोपियों की शिनाख्त आज भी जारी है। डेविड टेबोल का कहना है कि पिछले कई सालों से मैंने पीड़ितों और उनके परिवार के प्रति सम्मान व्यक्त किया है। कई लोगों ने इस हादसे में अपना सबकुछ गंवा देने के बावजूद जांच में सहयोग किया है।

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39 साल पहले हुआ था बॉम्ब ब्लास्ट

बता दें कि एयर इंडिया के विमान कनिष्क ने 23 जून 1985 को कनाडा से भारत के लिए उड़ान भरी थी। प्लेन लंदन के रास्ते भारत आ रहा था। मगर तभी आयरिश समुद्री तट के पास प्लेन में भयंकर बॉम्ब ब्लास्ट हुआ। इस हादसे में स्टाफ समेत 329 यात्रियों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में सामने आया था कि प्लेन में बम धमाका एक सूटकेस की वजह से हुआ। प्लेन में एक सूटकेस मौजूद था, जिसके अंदर बम रखा था। हादसे में मारे गए ज्यादातर यात्री भारतीय मूल के थे। इसमें 268 कनाडाई नागरिक और 24 भारतीय नागरिक थे। हादसे के बाद 131 लोगों के शव अटलांटिक महासागर में मिल थे।

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खालिस्तानी आतंकियों ने रची साजिश

खबरों की मानें तो इस आतंकी हमले के पीछे खालिस्तानी ताकतों का हाथ था। शुरुआती जांच में टास्क फोर्स ने बम बनाने वाले शख्स इंद्रजीत सिंह रेयात को हिरासत में लिया था। रेयाती का नाम दुनिया के खूंखार आतंकियों में शुमार है। 1991 में ब्रिटेन की अदालत ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी। वहीं फ्लाइट 182 में बॉम्ब ब्लास्ट के लिए कनाडा कोर्ट ने भी रेयाती की सजा 5 साल के लिए बढ़ा दी थी। हालांकि हमले का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने 3 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है। 2005 में ब्रिटिश कोर्ट ने तलविंदर सिंह को इस हमले का मास्टर माइंड बताया था। मगर इसकी कभी कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Jun 22, 2024 04:10 PM

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