---विज्ञापन---

देश

तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री देवबंद क्यों गए? स्पीच भी कैंसल, मौलाना अरशद मदनी का बयान आया सामने

अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर देवबंद स्थित दारुल उलूम पहुंचे, जहां उन्होंने नमाज अदा की और लोगों से मुलाकात की. उनके आगमन पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. मुत्तकी ने देवबंद को इस्लामी दुनिया का महत्वपूर्ण केंद्र बताते हुए अफगानिस्तान के तालिबानी नेताओं और शिक्षा के संबंध का जिक्र किया. दौरे के दौरान महिलाओं के अधिकारों पर उठे सवालों पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं को वे गलत मानते हैं.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Oct 11, 2025 18:45
Amir Khan Muttaqi in Saharanpur
तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री पहुंचे सहारनपुर

अफगानिस्तान के तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री भारत दौरे पर आए हैं. आमिर खान मुत्तकी की विदेश मंत्री समेत भारत के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई . इसके बाद मुत्तकी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मौजूद दारुल उलूम पहुंचे. हालांकि यहां से वह तय समय से पहले ही निकल गए , उनका भाषण होने वाला था, वह भी रद्द कर दिया गया. उनके जाने केबाद मौलाना अशरद मदनी ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ गलत हो रहा है. सवाल ये है कि आखिरकार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सहारनपुर के देवबंद क्यों गए?

सहारनपुर में उमड़ी लोगों की भीड़

दारुल उलूम देवबंद में मुत्तकी ने नमाज पढ़ी और फिर लोगों से मुलाकात की. उनके सहारनपुर पहुंचे की खबर सुनकर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे. इसके लिए उन्होंने लोगों को धन्यवाद दिया. अपने दौरे को लेकर मुत्तकी ने कहा कि बहुत अच्छा सफर है. दारुल उलूम ही नहीं बल्कि पूरे इलाके के लोग यहां आए हैं. मेरा इतना अच्छा स्वागत किया गया, इसके लिए देवबंद के उलेमा, इलाके के लोगों के प्रति मैं शुक्रगुजार हूं. हालांकि मुत्तकी समय से पहले ही देवबंद से निकल गए. बताया जा रहा है कि भीड़ अधिक होने की वजह से उन्होंने यह फैसला लिया. वो लोगों को संबोधित भी करने वाले थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

---विज्ञापन---

मुत्तकी से जब यह सवाल पूछा गया कि वह देवबंद क्यों जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि देवबंद में जाकर लोग क्या करते हैं, मुलाकात करते हैं, नमाज पढ़ते हैं. उन्होंने कहा, “देवबंद इस्लामी दुनिया का एक बड़ा केंद्र है और अफगानिस्तान से इसका गहरा रिश्ता है. हमारे यहां से लोग इस्लामी शिक्षा के लिए भी यहां आते हैं.

दारुल उलूम हक्कानिया और देवबंद का कनेक्शन

बता दें कि दारुल उलूम हक्कानिया पाकिस्तान के पेशावर से लगभग 55 किलोमीटर दूर अकोरा खटक में हैं. यहां से तालिबान के कई नेताओं ने शिक्षा ग्रहण की है. इसकी स्थापना 1947 में शेख अब्दुल हक ने की थी और अब्दुल हक ने भारत के देवबंद स्थित दारुल उलूम मदरसे से शिक्षा ली थी. ऐसे में दारुल उलूम मदरसे का अफगानिस्तान के तालिबानी नेताओं के लिए अहम माना जाता है.

---विज्ञापन---

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आजादी के लिए भारत ने जो किया, उससे अफगानिस्तान ने सीखा है. जिस तरह हमारे पूर्वजों ने दुनिया की बड़ी हुकूमत, ब्रिटेन को यहां शिकस्त दी. इसी तरह इन्होंने (तालिबान) दुनिया की बड़ी ताकतों- रूस और अमेरिका से लोहा लिया है और उनको धूल चटवाई है. यही वो ताकत है जो इनको आज हिंदुस्तान में देवबंद तक लेकर आई है.

दारुल उलूम देवबंद दौरे पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “हमने उनसे अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध बारे में बात नहीं की, दुनिया में कहीं भी हमारी धार्मिक शिक्षाओं में कोई अंतर नहीं है और हम सभी यही उपदेश देते हैं. अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ जो हो रहा है, वह गलत है. कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह महज इत्तेफाक था कि कोई महिला पत्रकार मौजूद नहीं थी. उन्होंने महिलाओं से न आने के लिए नहीं कहा. यह दुष्प्रचार है.

First published on: Oct 11, 2025 06:41 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.