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बंगाल में ममता से पंगा लेने वाले पूर्व जज मोदी सरकार में बनेंगे कानून मंत्री?

Former Culcutta High Court Judge Can Be Law Minister In Modi Government : नरेंद्र मोदी के तीसरे प्रधानमंत्री कार्यकाल में कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय कानून मंत्री बन सकते हैं। नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। वह लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।

Edited By : Rajesh Bharti | Updated: Jun 7, 2024 12:25
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Abhijit Gangopadhyay
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Abhijit Gangopadhyay Can Be Law Minister In Modi Government : कलकत्ता हाई कोर्ट में जज रहे अभिजीत गंगोपाध्याय मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कानून मंत्री बन सकते हैं। मार्च में उन्होंने जज के पद से इस्तीफा दिया था और बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद शपथ ले सकते हैं। वह लगातार तीसरी बाद प्रधानमंत्री चुने जाएंगे। माना जा रहा है कि उसी दिन मंत्रिमंडल की भी घोषणा हो सकती है जिसमें अभिजीत गंगोपाध्याय को कानून मंत्री बनाया जा सकता है। अभिजीत का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विवाद रहा है।

2018 में जुड़े थे हाई कोर्ट से

अभिजीत गंगोपाध्याय ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। साल 2018 में उन्होंने बतौर एडिशनल जज कलकत्ता हाई कोर्ट जॉइन किया था। इसके 2 साल बाद यानी 2020 में वह कलकत्ता हाई कोर्ट के स्थाई जज बन गए। इसी साल मार्च में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके इस फैसले से काफी लोग हैरान भी हुए थे।

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77 हजार से ज्यादा सीटों से जीते

अभिजीत गंगोपाध्याय को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की तामलुक लोकसभा सीट से टिकट दिया था। इस सीट को पश्चिम बंगाल की हॉट सीट में से एक माना जाता है। इस सीट से अभिजीत का सीधा मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के देबांग्शु भट्टाचार्य से था। अभिजीत ने इस सीट पर 77,733 वोटों से जीत हासिल की। इस सीट पर 25 मई को वोटिंग हुई थी। चुनावी हलफनामे के अनुसार उनके पास एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। उनके ऊपर एक केस भी दर्ज है।

24 घंटे के लिए लगी थी चुनाव प्रचार पर रोक

टिकट मिलने के बाद से अभिजीत तृणमूल पर हमलावर थे। वोटिंग के दौरान इस सीट पर काफी हिंसा हुई थी। टीएमसी के एक नेता की हत्या भी हो गई थी। इसके बाद बीजेपी के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। चुनाव प्रचार के दौरान उनके बयान भी काफी विवादों में रहे। एक बयान के बाद चुनाव आयोग ने अभिजीत को प्रचार करने से 24 घंटे के लिए रोक दिया था। चुनाव आयोग ने उनके बयान को निम्न स्तर का और महिलाओं का अपमान बताया था।

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ममता सरकार के साथ रहा विवाद

अभिजीत का राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विवाद भी रहा है। जब वह जज थे तो उस दौरान उन्होंने ममता सरकार पर कई सख्त टिप्पणियां की थीं। अभिजीत पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विवादास्पद आदेश दिए। अपने काम को लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ा था। पिछले साल अप्रैल में अभिजीत ‘स्कूल जॉब्स फॉर कैश स्कैम’ से संबंधित याचिकाओं के मामले में सुनवाई कर रहे थे। इस घोटाले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की कथित भूमिका सामने आई थी। इसे लेकर अभिजीत ने एक स्थानीय बंगाली न्यूज चैनल को एक इंटरव्यू दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि मौजूदा जजों को न्यूज चैनल पर इस प्रकार का कोई इंटरव्यू देने का अधिकार नहीं है।

यह भी पढ़ें : कौन हैं अभिजीत गंगोपाध्याय? ‘दीदी’ के गढ़ में बनाए जा सकते हैं भाजपा प्रत्याशी

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Edited By

Rajesh Bharti

First published on: Jun 07, 2024 12:25 PM

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