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8th Pay Commission: कॉस्‍ट कटिंग की खबरों में कितनी सच्चाई? रेलवे ने कैसे शुरू की तैयारी

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के करीब 1.19 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर सैलरी और पेंशन के बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं, सरकारी विभागों में कॉस्ट कटिंग होने की खबरें भी सामने आने लगी हैं. शुरुआत हुई है रेलवे से, जानें रेलवे में बढ़ा हुआ वेतन देने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने की तैयारी कैसे शुरू की है?

Author Edited By : Vijay Jain
Updated: Dec 15, 2025 18:34

8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी विभागों पर करीब 4 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ने वाला है, क्योंकि केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा होनी है. आयोग की सिफारिशों के नए साल की पहली तारीख से लागू होने की उम्मीद भी जताई जा रही है. इससे पहले ही भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार रेलवे की ओर से की जा रही कॉस्ट कटिंग के तहत खरीद और रखरखाव जैसे विभिन्न खर्चों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की कोशिश

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे अपनी परिचालन दक्षता में सुधार और खर्चों में कटौती करके अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि उस पर बढ़ी हुई सैलरी का अतिरक्त बोझ न पड़ सके. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में 8वें वेतन आयोग की टीम ने समीक्षा शुरू कर दी है. इस समीक्षा के तहत केंद्र सरकार के करीब 1.19 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स कवर होंगे. आयोग की ओर से 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देने की उम्मीद है.

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कास्ट कटिंग को लेकर क्या कहता है रेलवे

2025 के वित्त वर्ष में रेलवे की शुद्ध राजस्व की बात की जाए तो 98.90% रेलवे का परिचालन अनुपात (Operating Ratio) रहा और शुद्ध राजस्व (Net Revenue) केवल 1,341.31 करोड़ बचा. नए साल में रेलवे की कोशिश शुद्ध राजस्व को बढ़ाकर 3,041.31 करोड़ रुपये तक ले जाने की है. इसके लिए परिचालन अनुपात में सुधार करना होना और इसे 98.42% तक लाना है. रेलवे की प्लानिंग है कि शुद्ध राजस्व को बढ़ाकर ही रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है, ताकि नए सैलरी स्ट्रक्चर का बोझ संगठन आसानी से सह सके.

वार्षिक भुगतानों में कमी आने की उम्मीद

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) को हर साल किए जाने वाले भुगतानों में वित्त वर्ष 2028 में कमी आने की उम्मीद है. यह बड़ा फैक्टर है, इससे कर्ज लेने के बजाय बजटीय सपोर्ट (Gross Budgetary Support) के माध्यम से पूंजीगत खर्चों (Capital Expenditure) को ज्यादा निकाला जा रहा है. निकट भविष्य में शॉर्ट टर्म कर्ज लेने भी रेलवे की फिल्हाल कोई प्लानिंग नहीं है. माल ढुलाई (Freight Earnings) से होने वाली कमाई भी आने वाले सालों में बढ़ने की उम्मीद है. सूत्र बताते हैं कि वित्त वर्ष 2028 तक माल ढुलाई से होने वाली वार्षिक आय करीब 15000 करोड़ बढ़ सकती है, इससे भी रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक एक जनवरी 2026 से वेतन वृद्धि प्रभावी होगी.

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First published on: Dec 15, 2025 06:32 PM

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