2027 में होने वाले नासिक कुंभ मेले की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नासिक पहुंचे और तैयारियों का खुद जायजा लिया। इसके साथ ही एक अहम बैठक भी हुई जिसमें 13 अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधि , साधु-संत, राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अफसर शामिल हुए।
इस बैठक में कुंभ मेले से जुड़े धार्मिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे से जुड़ी तैयारियों पर चर्चा की गई। गोदावरी नदी की सफाई, श्रद्धालुओं की सुविधा, ट्रैफिक व्यवस्था और अखाड़ों की अपेक्षाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
गोदावरी की सफाई सबसे बड़ा एजेंडा! “गंदा पानी नहीं, सिर्फ निर्मल जल ही बहेगा”
बैठक में सबसे पहली चिंता थी, गोदावरी नदी की पवित्रता। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि गोदावरी नदी की पवित्रता को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई गई है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की व्यवस्था की जा रही है ताकि गंदा पानी नदी में न जाए। नदी में सिर्फ शुद्ध जल प्रवाहित हो, इस पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। नदी में बहने वाला जल 100% शुद्ध और स्नान योग्य होगा|
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पुख्ता इंतजाम
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि अखाड़ों और श्रद्धालुओं की सभी जरूरतों को ध्यान में रखकर काम किया जाएगा। पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सेवा, आवास और यातायात जैसे सभी जरूरी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। विशेष घाटों का निर्माण होगा ताकि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा मिले। CM ने बताया कि कुंभ 2027 में ज्यादा दिन चलने वाला मेला होगा, स्नान की कई पुण्य तिथियां तय की जा चुकी हैं और इससे श्रद्धालु समय बांटकर आएंगे और भीड़ नियंत्रण आसान होगा। विशेष घाटों का निर्माण होगा ताकि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधा मिले।
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— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) June 1, 2025
प्रयागराज मॉडल का होगा अध्ययन , लेकिन नासिक के सामने जगह की चुनौती
नाशिक कुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सरकार प्रयागराज कुंभ मॉडल का गहराई से अध्ययन कर रही है लेकिन एक बड़ी चुनौती है, प्रयागराज में गंगा के किनारे विशाल मैदान उपलब्ध हैं जबकि नासिक और त्र्यंबकेश्वर में जगह सीमित है। इसी को देखते हुए सरकार ने तय किया है की मल्टी-लेवल लॉजिस्टिक प्लानिंग की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी, मोबाइल हॉस्पिटल, मोबाइल टॉयलेट्स और बस शटल सिस्टम पर काम होगा। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कुंभ मेले के लिए 4000 से 4500 करोड़ रुपये की लागत से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कार्य शुरू किया जाएगा, टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा 2000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रोजेक्ट्स की योजना भी बनाई जा रही है।
इसके साथ ही नासिक और त्र्यम्बकेश्वर में अमृत स्नान के तिथियों की भी घोषणा की गई।