World Kidney Day 2025: पेन किलर्स तो हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गई हैं। जब भी हमें शरीर के किसी अंग में दर्द होता है, तो तुरंत राहत पाने के लिए हम पेनकिलर्स का सहारा लेते हैं। इन दवाओं से दर्द कम हो जाता है लेकिन इसका साइड-इफेक्ट बॉडी के अन्य ऑर्गन्स पर पड़ता है। जैसा कि किडनी के साथ होता है। किडनी पर दर्द निवारक गोलियों का असर खतरनाक हो सकता है। ज्यादा पेनकिलर्स खाने से किडनी डैमेज या फेलियर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है, इस मौके पर हम आपको बताते हैं किडनी और पेनकिलर्स का इंटरकनेक्शन क्या है।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
बीएलके मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कंसलटेंट डॉक्टर भानु मिश्रा, जो नेफ्रोलॉजिस्ट हैं, बताते हैं कि दर्द निवारक दवाएं दर्द, सूजन और बुखार में राहत देने में मदद करती हैं लेकिन इनका लंबे समय तक या अधिक मात्रा में सेवन करने से किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे क्रॉनिक किडनी डिजीज या किडनी फेलियर होने का रिस्क बढ़ता है। इसलिए, हमें यह समझना जरूरी है कि ये दवाएं किडनी को कैसे नुकसान पहुंचाती हैं।
कौन-कौन सी दवाओं से खराब होती है किडनी?
1.पेन किलर्स- डॉक्टर विद्यानंदन त्रिपाठी कहते हैं कि गलत दवाई को खाने से नुकसान होता है। किडनी की हेल्थ को बिगाड़ने में मदद करने वाली पहली दवा पेन किलर होती है।
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2.एंटीबायोटिक्स- इसके बाद एंटीबायोटिक्स आती हैं, जो किडनी के लिए हानिकारक मानी जाने वाली दवाएं होती है। डॉक्टर कहते हैं कि जो पहले से किडनी के पेशेंट हैं, उन्हें तो कम से कम ही एंटीबायोटिक की डोज लेनी चाहिए। साथ ही, आपको यह भी ध्यान रखना है कि आप जो एंटीबायोटिक ले रहे हैं, वह कौन सी है।
3.एंजियोग्राफी- हार्ट पेशेंट्स की एंजियोग्राफी के लिए X-Ray के टाइम इस्तेमाल की जाने वाली एक डाई से भी किडनी खराब हो सकती है। इसका नाम कॉन्ट्रास्ट नेफरोपेथी है।
4.नॉन एडिक्टिव ड्रग्स- डॉक्टर कहते हैं कि नॉन एडिक्टिव ड्रग्स ऐसी दवाएं होती हैं, जो बिना सलाह के ली जाती हैं। अक्सर, ऐसे पाउडर, चूर्ण और ऐसी दवाएं, जो टीवी या सोशल मीडिया एड्स पर सेल की जाती हैं। इन दवाओं को साइड-इफेक्ट्स फ्री बताया जाता है लेकिन सभी दवाएं ऐसी नहीं होती हैं।
पेनकिलर किडनी को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
1. डॉक्टर भानु मिश्रा के अनुसार, पेन किलर खाने से किडनी का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
2. एक्यूट किडनी इंजरी (AKI), पेन किलर्स खाने से किडनी में चोट लगती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है।
3. क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), लंबे समय तक पेनकिलर्स का सेवन करने से किडनी में सूजन और टिशू डैमेज की समस्या हो जाती है, जो किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे कम करता है।
4. किडनी फेलियर- यदि कोई पैरासिटामोल और एस्पिरिन के साथ पेनकिलर का कॉम्बिनेशन साथ है और इनका लंबे समय तक उपयोग करता है तो एनाल्जेसिक नेफ्रोपैथी हो सकती है। इसमें किडनी धीरे-धीरे खराब होती जाती है और फिर किडनी फेलियर की संभावना तेज हो जाती है।
5. किडनी स्टोन- ओवर द काउंटर पेन किलर्स खाने से किडनी में स्टोन बनने का भी रिस्क तेज हो जाता है। दरअसल, इससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है।
इन लोगों को ज्यादा रिस्क
- डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को दवाओं का साइड-इफेक्ट हो सकता है।
- पहले से किडनी की समस्या वाले मरीजों को भी पेनकिलर से बचना चाहिए।
- बुजुर्ग लोगों को, मुख्यत: 40 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग।
- पानी की कमी से जूझ रहे लोग।
- अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को।
Kidney की देखभाल कैसे करें?
- पेनकिलर का इनटेक कम से कम करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- दर्द से राहत पाने के अन्य तरीके अपनाएं जैसे- फिजिकल थेरेपी, लाइफस्टाइल में बदलाव या फिर सिकाई आदि।
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