---विज्ञापन---

Pregnancy के लिए Vitamin-D क्यों जरूरी? कमी हो तो दिखते हैं ये संकेत

Vitamin-D Deficiency: हमारे शरीर को कई प्रकार के विटामिनों की जरूरत पड़ती है। प्रेग्नेंसी के लिए भी इस विटामिन की जरूरत होती है। आइए जानते हैं इस बारे में क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट।

Edited By : Namrata Mohanty | Updated: Dec 10, 2024 07:41
Share :
Vitamin-D Deficiency
photo credit-freepik

Vitamin-D Deficiency: प्रेग्नेंट होना हर विवाहित महिला का सपना होता है। सेहत के लिहाज से देखें तो प्रेग्नेंट होने के लिए शरीर में जरूरी तत्वों की जरूरत होती है। विटामिन-डी ऐसा ही एक तत्व है। इस तत्व की कमी का संबंध गर्भावस्था से भी होता है। विटामिन-डी ऐसा तत्व है, जिसकी कमी महिलाओं में सबसे ज्यादा पाई जाती है। भारत के लोगों में भी इस विटामिन की कमी ज्यादा होती है।
विटामिन-डी की कमी प्रेग्नेंसी में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यह विटामिन शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में भी मदद करता है, जो हड्डियों और दांतों की सेहत के लिए जरूरी हैं।

ये भी पढ़ें: आपको तो नहीं है विटामिन बी12 की कमी? 

---विज्ञापन---

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मदरहुड हॉस्पिटल, खराड़ी की कंसल्टेंट, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मानसी शर्मा ने इनसे बातचीत में बताया कि विटामिन-डी की कमी हार्मोन के असंतुलन से जुड़ी है, जो प्रजनन क्षमता और गर्भावस्था के परिणामों को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, डॉक्टर कहती हैं कि विटामिन-डी की कमी होने से प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम हो सकती है, साथ ही हृदय रोग, शुगर के स्तर को इंबैलेंस कर सकता है और कई प्रकार के कैंसर का कारण भी बन सकता है। विटामिन-डी शरीर के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें कैल्शियम, फॉसफोरस और इम्यूनिटी को मजबूत करना शामिल है।

गर्भावस्था के लिए विटामिन-डी क्यों जरूरी है?

1. हड्डियों की समस्या- इस विटामिन की कमी से हड्डियों में कमजोरी होती है, जिससे महिलाओं को हड्डियों में दर्द और फ्रैक्चर की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान यह नवजात शिशु की हड्डियों के विकास को भी प्रभावित कर सकता है।

---विज्ञापन---

2. प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर- विटामिन-डी की कमी से प्रेग्नेंसी में प्री-एक्लेम्पसिया यानी गर्भावस्था में हाई बीपी और प्रोटीन के एक्सेस का खतरा बढ़ता है, जो मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।

3. गर्भपात का खतरा- कई रिसर्च इस बात का खुलासा करती हैं कि विटामिन-डी की कमी से अबॉर्शन या मिसकैरिज होने का जोखिम बढ़ सकता है, क्योंकि यह गर्भधारण को स्थिर करने में मदद करने वाले हार्मोन पर अपना प्रभाव डालता है।

इसके अलावा, नवजात शिशु में भी विटामिन-डी की कमी होने की संभावनाएं रहती हैं, जिससे नवजात शिशु को रिकेट्स, हड्डियों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

pregnancy

विटामिन-डी के सोर्स

विटामिन-डी का नेचुरल सोर्स सूरज की किरणें हैं। आप रोजाना सुबह 7 बजे से या उससे पहले वहीं, सर्दियों में 9 बजे से पहले की धूप में कुछ समय बिता सकते हैं। इसके अलावा, अपनी डाइट में सैल्मन, ट्यूना और सार्डिन जैसी मछलियों को शामिल करें। दूध, दही और पनीर भी खा सकते हैं। काजू भी विटामिन-डी का सोर्स है।

ये भी पढ़ें: 21 दिन तक रोज पिएं इस पत्ते का जूस

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Dec 10, 2024 07:41 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें