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Infertility Causes: टाइप-2 डायबिटीज से क्या पुरुषों में कम होता है स्पर्म काउंट? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Infertility Causes: डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिससे शरीर को और भी कई प्रकार से नुकसान हो सकता है। पुरुषों में टाइप-2 से इंफर्टिलिटी की समस्या भी बढ़ रही है। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Feb 25, 2025 11:03

Infertility Causes: टाइप 2 डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है जो दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करती है। हालांकि, यह मुख्य रूप से हाई शुगर के स्तर और मेटाबॉलिज्म से संबंधित समस्याओं के कारण होती है, लेकिन शुगर का प्रजनन स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या, ऑर्गेन फेलियर और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के कारण गर्भधारण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इन दोनों मेडिकल सिचुएशन के बीच क्या संबंध है और इस पर डॉक्टर की राय।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डॉक्टर हिमांशु धवन जो कि मेल फर्टिलिटी एक्सपर्ट हैं, कहते हैं कि स्पर्म काउंट लो होने का एक कारण डायबिटीज भी होता है। दरअसल, डायबिटीज में पैंक्रियाज की फंक्शनिंग बिल्कुल लो हो जाती है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस की दिक्कतें होती हैं। पैंक्रियाज की कार्यक्षमता प्रभावित होने से पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी आ जाती है, जिसे हम मेल इंफर्टिलिटी भी कहते हैं।

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क्यों होता है ऐसा?

डॉक्टर के मुताबिक, शुगर के मरीजों को मीठा खाने से मना किया जाता है, मगर शुगर क्रेविंग्स होती रहती हैं। शुगर क्रेविंग्स से पुरुषों के शरीर में उत्तेजना की कमी होती है और इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम बढ़ती है। डायबिटीज मरीजों के शरीर में एनर्जी का लेवल भी कम होता है, जिससे इन लोगों में इंटरकोर्स या रिलेशन बनाने में दिक्कत होती है। टाइप-2 डायबिटीज हार्मोन लेवल्स में परिवर्तन करके, प्रजनन अंग के कार्य को बाधित करता है और मेटाबॉलिज्म को भी कमजोर करता है।

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पुरुषों के लिए ज्यादा रिस्क

टाइप-2 मधुमेह वाले पुरुषों में अक्सर स्पर्म की गुणवत्ता खराब होती है, जिससे इनकी संख्या में भी कमी आ जाती है, डिसचार्ज और साइज में डिफ्रेंस भी शामिल हैं। इन सभी कारणों के चलते स्पर्म और फीमेल एग्स के बीच कनेक्शन बनने में दिक्कत होती है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) भी एक आम समस्या है क्योंकि डायबिटीज नसों और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, मधुमेह के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप कामेच्छा में भी कमी आती है और स्पर्म प्रोडक्शन में भी कमी आती है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Feb 25, 2025 11:03 AM

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