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ताहिरा कश्यप का कैंसर फिर से एक्टिव क्यों? शुरुआती संकेत और बचाव क्या

बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप को एक बार फिर कैंसर का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पहले साल 2018 में भी कैंसर हो चुका है। तब भी उन्होंने पूरे 7 साल लगे थे रिकवर होने में। जानें क्यों कैंसर दोबारा एक्टिव हो जाता है और इससे बचने के लिए क्या सावधानियां जरूरी होती हैं।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 10, 2025 09:50

बॉलीवुड एक्टर प्लस सिंगर आयुष्मान खुराना की लाइफ में एकबार फिर से ऐसा मोड़ आया है, जहां उन्हें अपनी पत्नी को फिर से हौंसला देना पड़ेगा। दरअसल, एक्टर की पत्नी ताहिरा कश्यप को एकबार फिर से ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ है। उन्होंने इस बारे में खुद सोशल मीडिया के माध्यम से फैंस को यह सुचना दी थी। ताहिरा को पहली बार साल 2018 में ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। अब वह फिर से इस गंभीर बीमारी का शिकार हो गई हैं। आखिर कैसे एकबार ट्रीटमेंट होने के बाद फिर से कैंसर सेल शरीर में बढ़ने लगता है? चलिए जानते हैं इस बारे में सबकुछ।

ताहिरा कश्यप को पहले कब हुआ था कैंसर?

ताहिरा फिल्म निर्माता भी हैं। उन्हें पहली बार साल 2018 में कैंसर हुआ था। अब सात साल के बाद उन्हें एकबार फिर कैंसर हुआ है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा भी है कि सात सालों की तकलीफ, इरिटेशन और रेगुलर टेस्टिंग के बाद अब वे फिर इस दर्द का सामना करेंगी। उन्होंने कहा उनका राउंड-2 शुरू हो गया है। उन्होंने लोगों को सलाह भी दी है कि सभी लोग नियमित रूप से टेस्टिंग करवाते रहें और सुरक्षित रहें। हालांकि, इस खबर के सामने आते ही फैंस के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे इतने समय तक इलाज और रिकवरी के बाद फिर कैंसर हो गया है।

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कैंसर दोबारा क्यों एक्टिव होता है?

शरीर में कैंसर की शुरुआत का कारण डीएनए और जीन संरचना में असामान्य बदलाव और डैमेज होता है। ये हमें विरासत में भी मिल सकते हैं या फिर शरीर में बाद में भी बन सकते हैं। इन्हें एबनॉर्मल सेल्स भी कहते हैं, जो अनियंत्रित तरीके से बढ़ते हैं। कैंसर शरीर में दोबारा एक्टिव हो सकता है, यदि इलाज और स्क्रिनिंग सही से न हुई हो।

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डॉक्टर क्या कहते हैं

गाजियाबाद के ऑनकोलॉजिस्ट डॉक्टर विक्रम सिंघल बताते हैं कि कैंसर दोबारा एक्टिव होने का कारण है ट्रीटमेंट के बाद कैंसर रेसिडुअल होना यानी कैंसर के इलाज के बाद भी अवशेषों का शरीर में बचना। मगर यह भी कैंसर के अलग-अलग स्टेजों पर निर्भर करता है। कैंसर जब होता है, तो शरीर में एक सेल से कई सेल्स तक फैलता है और कैंसर ग्रो करता है। इन सेल्स की म्यूटेशन के दौरान कुछ सेल्स अलग से शरीर के हिस्से में अपनी म्यूटेशन करने लगते हैं। जब उसकी म्यूटेशन बढ़ जाती है, तो वह भी ट्यूमर का रूप ले लेती है और कैंसर हो जाता है। यह ओरिजिनल सेल से अलग होता है और शरीर में अपना अलग डिविजन बना लेते हैं, जो कैंसर रिएक्टिव का कारण होता है।

Relapse कैंसर के संकेत कैसे होते हैं?

1. नए ट्यूमर्स का बनना या बढ़ना, यदि शरीर में पहले से कोई गांठ या ट्यूमर था, तो उसके आकार का बढ़ने लगना। यह गांठ ब्रेस्ट, पेट, गर्दन, आंतें या गुदा के पास हो सकती है।

2. दर्द और असहजता, यह स्थिति तब भी बनी रहती है, जब इलाज चल रहा होता है।

3. वजन में अचानक कमी, यह संकेत होता है कि कैंसर सैल्स शरीर में फैल रहे हैं और शरीर से पोषक तत्व निचोड़ रहे हैं।

4. थकावट और कमजोरी, एक बार फिर से थकान और कमजोरी महसूस करना। इसमें कैंसर सेल्स का शरीर में अन्य अंगों पर असर होता है।

5.खांसी जो समय के साथ बढ़ती जाती है और सांस लेने में तकलीफ महसूस करना।

6. रात को सोते समय अत्यधिक पसीना आना, विशेष रूप से जो कैंसर के उपचार के बाद ऐसा होना लिम्फोमा या ल्यूकेमिया जैसे प्रकार के कैंसर का संकेत होता है।

7. त्वचा पर धब्बे, घाव, या घावों का आकार बदलना। ये संकेत हैं कि कैंसर त्वचा या लिवर में फैल चुका है।

8. कैंसर के रिलैप्स का एक और सामान्य संकेत है भूख में कमी होना।

9. सेहत में कुछ बदलाव देखना जैसे कि से आंखों में धुंधलापन, दौरे या कोई अन्य असामान्य शारीरिक परिवर्तन।

10. खुद में कुछ बदलाव दिखना जैसे कि कई बार, व्यक्ति खुद को अधिक असहज महसूस करता है, जैसे कि उनकी शारीरिक स्थिति सही नहीं है।

क्या कैंसर से पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है?

कैंसर का इलाज संभव है मगर जरूरी नहीं है कि 100% इसे खत्म किया जा सकेगा। समय रहते सही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो बचाव मुमकिन है। वहीं, कुछ प्रकार के कैंसर ऐसे होते हैं, जिनके बारे में समय रहते पता चल जाए तो इसके प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है। कैंसर से बचाव इस आधार पर भी निर्भर करता है कि इंसान का शरीर कितना हेल्दी है और इम्यूनिटी कैसी है।

कैंसर उपचार के बाद कौन से टेस्ट करवाएं?

कैंसर के उपचार के बाद नियमित जांचें करवानी चाहिए, ताकि कैंसर रिलेप्स न हो सके। इसमें कुछ जरूरी टेस्ट इस प्रकार से हैं:

  • पीईटी स्कैन (PET Scan)
  • एमआरआई टेस्ट MRI (Magnetic Resonance Imaging)
  • सीटी स्कैन (CT Scan)
  • खून की जांच (CBC Test)
  • अल्ट्रासाउंड करवाएं।
  • बोन स्किटीग्राफी (Bone Scintigraphy)
  • चेस्ट एक्स-रे Chest X-ray
  • Colonoscopy, कोलोन कैंसर के मरीजों के लिए जरूरी।

कैंसर से बचे मरीजों के लिए जरूरी सावधानियां

कैंसर रिलैप्स की स्थिति से बचने के लिए हमें नियमित रूप से इलाज के बाद भी स्क्रीन टेस्ट करवाना चाहिए। पहले चरण में ही सही निदान करना चाहिए ताकि दोबारा होने की संभावना को कम किया जा सके। स्क्रीन टेस्टिंग लगातार 2 से 3 साल तक हर 3 महीने में एकबार करवाना चाहिए। कैंसर सर्वाइवर्स को लिक्विड बायोप्सी भी करवानी चाहिए। इलाज के बाद भी हेल्दी डाइट का सेवन करें और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें। हाइड्रेशन सही रखें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। नियमित रूप से व्यायाम करें।

खास सलाह

यदि किसी को संकेत महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कैंसर का रिलैप्स होने पर जल्द से जल्द मेडिकल ध्यान और इलाज लेना महत्वपूर्ण होता है। यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ने लगे, क्योंकि शुरुआती अवस्था में इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। हेल्दी लाइफस्टाइल, रेगुरल चेकअप और डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना रिलैप्स को रोकने में मदद कर सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 10, 2025 09:50 AM

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