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Skin Cancer Causes: त्वचा के दाग भी हो सकते हैं खतरनाक, स्किन कैंसर को लेकर एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

Skin cancer Causes: स्किन कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। कई बार स्किन पर होने वाले छोटे से दाग भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में यही साधारण दिखने वाले दाग या तिल त्वचा कैंसर में बदल जाते हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Shivani Jha Updated: Jun 27, 2025 15:49
Skin Cancer Causes
स्किन कैंसर के क्या हैं कारण?

Skin Cancer Causes: स्किन कैंसर कोई आम बीमारी नहीं है। कई बार स्किन पर होने वाले छोटे से दाग भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं। अक्सर त्वचा पर होने वाले बदलाव, जैसे कि दाग-धब्बे, रंग में असमानता, खुरदरापन या उभार, घाव, गांठ या तिल जैसी संरचनाएं सामान्य मानी जाती हैं और आमतौर पर इनका इलाज केवल ब्यूटी कारणों से किया जाता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यही साधारण दिखने वाले दाग या तिल त्वचा कैंसर में बदल सकते हैं।

भारत में स्किन कैंसर की स्थिति

भारत में त्वचा के कैंसर का प्रतिशत अन्य कैंसरों की तुलना में काफी कम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल कैंसर मामलों में त्वचा कैंसर की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से भी कम है। फिर भी, लंबे समय तक चलने वाले त्वचा रोगों को अनदेखा करने पर ये गंभीर रूप ले सकते हैं।

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त्वचा पर बदलाव और कैंसर का खतरा

वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रमुख, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग, एचसीजी कैंसर सेंटर, बोरिवली के डॉ. त्रिनंजन बसु बताते हैं कि त्वचा पर होने वाले उभार या तिल मेलानोसाइट्स के बदलाव के कारण बनते हैं। ये बदलाव धीरे-धीरे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से ज्यादा आक्रामक मेलेनोमा का रूप ले सकते हैं।

पुराने न भरने वाले घाव, जलने से बने निशान, बार-बार होने वाले इन्फेक्शन, और अनियंत्रित डायबिटीज। ये सभी स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के लिए खतरे के कारण हो सकते हैं। वहीं कुछ तिल सीधे मेलेनोमा में बदल सकते हैं। यहां तक कि कभी-कभी मेलेनोमा ऐसी त्वचा पर भी उभरता है जहां पहले कोई दाग या तिल नहीं था।

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इन लक्षणों पर दें खास ध्यान

त्वचा पर मौजूद तिल या दाग में यदि नीचे दिए गए बदलाव नजर आएं, तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। विशेषज्ञ इन्हें ‘ABCDE’ नियम के तहत वर्गीकृत करते हैं।

असमानता (Asymmetry)- तिल या दाग का एक भाग दूसरे से मेल नहीं खाता
किनारा ( Border)- किनारे असमान, खुरदरे या अस्पष्ट होते हैं
रंग (Color)- दाग में कई रंग एक साथ नजर आते हैं
आकार (Diameter)- व्यास 6 मिमी या उससे अधिक होता है
बदलाव (Evolving)- रंग, आकार या बनावट में लगातार बदलाव

स्किन कैंसर के अन्य कारण

डॉ. बसु के अनुसार, भारतीय मरीजों में त्वचा कैंसर के पीछे आर्सेनिक विषाक्तता, कोयले और औद्योगिक केमिकल के लंबे संपर्क जैसे कारण प्रमुख माने जाते हैं।

बचाव और समय पर जांच है जरूरी

1. त्वचा पर लंबे समय तक बने रहने वाले या बढ़ते हुए दाग-धब्बों की समय-समय पर स्किन एक्सपर्ट से जांच कराना जरूरी है। सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव के लिए कम से कम SPF 15 वाला सनस्क्रीन रोजीना लगाना चाहिए।

2. यदि त्वचा पर कोई भी संदिग्ध परिवर्तन दिखे तो तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। जरूरत पड़ने पर वे आपको कैंसर विशेषज्ञ के पास भेजा जा सकता है।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

First published on: Jun 27, 2025 03:47 PM

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