पतंजलि अपने उत्पादों व आयुर्वेदिक दवाओं की मदद से लोगों की सेहत को सुधारने का काम सालों से कर रहा है। आयुर्वेद और आयुर्वेद की खासियत को जितना पतंजलि ने दुनियाभर में बढ़ाया है, उतना शायद ही किसी और ने बढ़ाया हो। पतंजलि रिसर्च सेंटर में अनेकों गंभीर बीमारियों का उपचार करने वाली आयुर्वेदिक दवाओं पर रिसर्च कर तैयार किया है, जिनमें से एक पतंजलि दिव्य डर्माग्रिट भी है। यह स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स का इलाज करने में मदद करती है। एक्यूट डर्मेटाइटिस एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा पर अचानक सूजन, लालिमा, जलन और खुजली होती है। यह एक प्रकार की त्वचा की एलर्जी या जलन होती है जो किसी बाहरी कारण जैसे रसायन, पौधे, धूल, साबुन आदि या आंतरिक प्रतिक्रिया जैसे इम्यून सिस्टम बिगड़ने से होती है। पतंजलि डर्माग्रिट का इस्तेमाल इस समस्या का उपचार करने में किया जाता है।
भारत में एक्टिव केस
हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, आपको बता दें कि दुनियाभर में लगभग 10% लोगों में स्किन से संबंधित गंभीर बीमारियां हैं। इनमें एग्जिमा और स्किन रैशेज शामिल है। वहीं, भारत में भी 11-21% जनसंख्या इस बीमारी से पीड़ित है। ये मामले एक्यूट डर्मेटाइटिस के हैं, जो किसी भी क्षेत्र और आयु के लोगों को प्रभावित कर सकती है। इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी, वेनेरोलॉजी एंड लेपरोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छोटे बच्चे और शिशुओं को यह समस्या होती थी। मगर युवाओं में भी यह समस्या होने लगी है।
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एक्यूट डर्मेटाइटिस के लक्षण
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- खुजली और जलन
- कुछ मामलों में फफोले या छाले
- त्वचा से तरल पदार्थ का रिसाव
- त्वचा में सूजन और गर्माहट महसूस होना
मुख्य कारण
- किसी रसायन, धातु, कॉस्मेटिक या पौधे से त्वचा का संपर्क होना।
- शरीर पर एलर्जिक रिएक्शन होना जैसे धूल या जानवरों से होना।
- पारिवारिक इतिहास।
पतंजलि की दिव्य डर्माग्रिट कितनी असरदार?
पतंजलि रिसर्च सेंटर, हरीद्वार में निर्मित यह दवा डॉक्टरों और स्किन एक्सपर्ट ने मिलकर बनाई है। इन गोलियों की मदद से त्वचा में होने वाले कई रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। पतंजलि द्वारा इस दवा को खाने से स्किन डिजीज, डर्मेटाइटिस, खुजली, रैशेज और एलर्जी में भी राहत मिल सकती है। यह दवा एलोपैथी के मुकाबले असरदार और फायदेमंद मानी गई है। मरीजों द्वारा इस दवाई को खाने के बाद उनमें लक्षणों की कमी भी देखी गई है।
दवा में मौजूद जड़ी-बूटियां
1. पुवार बीज- त्वचा रोगों को शांत करने और सूजन कम करने में सहायक।
2. दारुहल्दी- जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर, त्वचा संक्रमण में उपयोगी।
3. करंज- फंगल संक्रमण और खुजली से राहत देता है।
4. आंवला- एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण त्वचा को पोषण देता है।
5. गिलोय- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और एलर्जी में लाभकारी।
6. बहेड़ा- त्वचा की सफाई करता है और विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
7. हल्दी- सूजन और संक्रमण को कम करने वाला प्राकृतिक एंटीसेप्टिक।
8. खैर- त्वचा की जलन और खुजली को कम करता है।
9. शोधित बकुची- विटिलिगो और अन्य त्वचा विकारों में प्रभावी।
10. हरड़- खून साफ करता है और पाचन सुधारकर त्वचा को बेहतर बनाता है।
11. छोटी कतेली- त्वचा रोगों और फोड़े-फुंसियों में लाभदायक।
12. चिरैता- खून साफ करता है और त्वचा की एलर्जी में लाभकारी है।
13. देवदारु- सूजन और खुजली में राहत देने वाला उत्तम औषधीय पौधा है।
14. अमलतास- शरीर से विषैले तत्व निकालकर त्वचा रोगों को शांत करता है।
15. कुटकी- लिवर को डिटॉक्स करके त्वचा को साफ रखने में मदद करता है।
16. नीम- एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त, फोड़े-फुंसियों और एक्जिमा में लाभकारी।
17. मंजिष्ठा- रक्त शुद्ध करती है और त्वचा की रंगत व चमक सुधारती है।
18. काली जीरी- शरीर की गर्मी कम करती है और त्वचा की खुजली में उपयोगी है।
इन आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की मदद से तैयार दवा के सेवन से ल्यूपस, डर्मेटाइटिस, एग्जिमा जैसे रोगों में मरीजों को काफी फायदा हुआ है।
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