Paracetamol May Be Injurious To Your Liver : पैरासीटामॉल को जल्दी असर करने वाली पेनकिलर दवाई माना जाता है। यह तुरंत, बिना किसी समस्या के राहत देती है और 50 साल से ज्यादा समय से लोग इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं। हालांकि, यह कहावत कि अति हर चीज की खराब होती है और यह बात इस दवाई पर भी लागू होती है। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि जो लोग अक्सर पैरासीटामॉल का सेवन करते हैं इन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस रिपोर्ट में जानिए कि पैरासीटामॉल और लिवर डैमेज के बीच क्या कनेक्शन हो सकता है।
According to a recent study by the University of Edinburgh, liver damage can be induced by Paracetamol, a common painkiller.
---विज्ञापन---Findings provide important information about overdosage toxicity, which is sometimes fatal and difficult to cure. pic.twitter.com/2D9YIvLB6N
— DrDipakChandraSarkar (@ddtsarkar) February 21, 2024
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यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधार्थियों ने चूहों पर पैरासीटामॉल लेने के बाद होने वाले असर का अध्ययन किया है। इससे पता चला है कि यह दवाई लिवर डैमेज का एक प्रमुख कारण है। उनका रिसर्च साइंटिफिक रिपोर्ट नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि कुछ परिस्थितियों में पैरासीटामॉल लिवर में कोशिकाओं की फंक्शनिंग के लिए जरूरी स्ट्रक्चरल जंक्शंस को प्रभावित कर सकती है और लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है। बता दें कि क्रॉनिक पेन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए चार ग्राम पैरासीटामॉल की डोज प्रतिदिन समान्य मानी जाती है।
उल्लेखनीय है कि लिवर डैमेज से लेकर कैंसर, सिरोसिस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों को पैरासीटामॉल से जोड़ने वाला यह पहला अध्ययन है। इसमें स्कॉटिश नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग व ऑस्लो के रिसर्चर्स ने हिस्सा लिया था। बता दें कि ये शोधार्थी एनिमस रिसर्च के स्थान पर इंसानों के लिवर की कोशिकाओं का इस्तेमाल करने के लिए एक विश्वसनीय तरीके का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। वह पैरासीटामॉल की अलग-अलग डोज और उनके असर की जांच कर रहे हैं और नई दवाओं के लिए संभावित डोज तय करने का काम कर रहे हैं।
क्या सुरक्षित है पैरासीटामॉल और कितनी?
पैरासीटामॉल 1960 के दशक के दौरान लोकप्रिय हुई थी जब लोगों को यह लगने लगा था कि एस्पिरिन और आइबूप्रोफेन जैसी अन्य नॉन-स्येरॉयडल एंटी इन्फ्लैमेटरी दवाओं से गैस्ट्रिक ब्लीडिंग, अल्सर और अन्य गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कई वर्षों तक इस संभावना पर डाटा विरोधाभासी था कि क्या पैरासीटामॉल का लंबे समय तक सेवन करने से इंटर्नल ब्लीडिंग हो सकती है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने साल 2013 में चेतावनी दी थी कि ज्यादा पैरासीटामॉल खाने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
Paracetamol abuse can lead to Liver damage! 🛑
Not every headache needs paracetamol. Sometimes, you just need rest and plenty of water.
If the pain doesn’t subside after 3 days… see your Doctor.
Oh, I heard some of you use it to cook and soften meat abi👏🏼.
You have LIVER!
— Dr Chioma Nwakanma-Akanno (@DrZobo) May 25, 2020
रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2013 में ब्रिटेन में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस की ओर से भी ड्राफ्ट गाइडलाइंस में ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए पैरासीटामॉल प्रिस्क्राइब न करने की सिफारिश की थी। इसमें कहा गया था कि पैरासीटामॉल से सीमित फायदा होता है और इसकी अधिक खुराक से कार्डियोवेस्क्यूलर, गैस्टोइंटेस्टाइनल और रीनल समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन मेडिकल प्रोफेशनल्स ने इन सिफारिशों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद इंस्टीट्यूट ने फिर पैरासीटामॉल को हरी झंडी दे दी थी।
पैरासीटामॉल की कितनी डोज लेना सही?
पैरासीटामॉल टैबलेट, कैप्सूल, सिरप और पॉउडर के फॉर्म में आती है। इनकी क्षमता अलग-अलग होती है। बता दें कि 24 घंटों में एक वयस्क के लिए 4 ग्राम पैरासीटामॉल डोज सामान्य मानी जाती है। नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के अनुसार वयस्क के लिए पैरासीटामॉल की सामान्य डोज 500 एमजी या 1 ग्राम है। वहीं, अगर बीमार शख्स का वजह 50 किलो से कम है तो पैरासीटामॉल लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करने का सुझाव दिया जाता है। पैरासीटामॉल की दो खुराकों के बीच कम से कम 4 घंटे का अंतर होना चाहिए।