---विज्ञापन---

हेल्थ

Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान तनाव से मेंटल हेल्थ पर क्या असर? जानें विशेषज्ञ से

Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बढ़े हुए तनाव ने देशवासियों को भी थोड़ा चिंतित कर दिया है। लोगों के मन में युद्ध हुआ तो क्या होगा जैसे कई सवाल है। इन सब वजहों से इनकी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ रहा है। आइए जानते हैं इससे निपटने के तरीकों के बारे में।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 8, 2025 09:02

Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहा तनाव सिर्फ सेना या सरकार के लिए चुनौती नहीं है। यह दोनों देशों के आम नागरिकों को भी प्रभावित कर रहा है। हालांकि, दोनों देशों में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने पहले भी इस तरह का जंगी माहौल देखा होगा लेकिन ऐसे लोगों या युवाओं की संख्या ज्यादा है, जो इस प्रकार की परिस्थिति में पहली बार आए है। सोशल मीडिया पर लोग कोविड और युद्ध को आपस में जोड़कर देख रहे हैं। मगर आपको बता दें कि ये दोनों स्थितियां एक-दूसरे से काफी अलग है। इस रिपोर्ट में जानते हैं वॉर कैसे मेंटल हेल्थ को अटैक कर रही है।

बढ़ते तनाव ने लोगों के दिमाग में उथल-पुथल मचा दी है, खास तौर पर उन लोगों के दिमाग में जो कम उम्र के हैं। आजकल युवा सोशल मीडिया पर कई झूठे और अनवैरिफाइड पोस्ट और वीडियो देखते हैं, जो उनके दिमाग पर असर डालती है। विशेषज्ञों के अनुसार, युद्ध की आशंका मानसिक स्वास्थ्य पर काफी असर डालती है।

---विज्ञापन---

बढ़ रही ये समस्याएं

1. चिंता (Anxiety)

युद्ध में क्या होने वाला है, आम नागरिकों को क्या तैयारियां करनी है। सुरक्षा के लिए किन तरीकों को अपनाएं, जैसे कई सवाल लोगों के मन में है। युवाओं को खुद के साथ-साथ परिवार और वित्तीय रूप से कमजोर होने की चिंताएं सताती है। अगर युद्ध हुआ तो किस तरह की परिस्थितियां होंगी। भविष्य के लिए डर और बेचैनी की भावना होना।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें- ‘उन्हीं को मारा, जिन्होंने मासूमों को मारा…’, ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

2. अवसाद (Depression)

युद्ध के बारे में लगातार समाचार और सोशल मीडिया की कहानियां देखने से डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने का खतरा बढ़ रहा है। कई बार युवा इन सभी कारणों के चलते अपनी आदतों को बदलने लगते हैं। शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करने से डिप्रेशन बढ़ जाता है।

3. अनिश्चितता (Uncertainty)

इसमें लोग भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित रहते हैं। भविष्य के परिणामों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह लोग नकारात्मक सोच का विकास कर देते हैं। जो लोग पहले से खराब मेंटल हेल्थ से परेशान है, उन्हें भविष्य के बारे में सोचने की आदत ज्यादा होती है। ये लोग अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।

ऐसी स्थितियों का निपटारा क्या?

  • माइंडफुलनेस की प्रेक्टिस करें।
  • व्यायाम करें।
  • सोशल मीडिया से दूरी बनाएं।
  • गहरी सांस लेने वाले व्यायामों को करें।
  • डॉक्टरी सलाह लें।

ये भी पढ़ें- Operation Sindoor की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, क्या होगा एजेंडा?

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

First published on: May 08, 2025 08:29 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें