Nurse Day 2025: भारत और पूरी दुनिया में 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है। नर्स दिवस की शुरुआत नर्सों के कार्यों और हेल्थ डिपार्टमेंट में उनकी भूमिका को लेकर की गई थी। आज के दिन दुनिया की प्रथम नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगल को समर्पित है। इस दिन इनका जन्म हुआ। फ्लोरेंस की स्मृतियों को जीवित रखने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया था। पहला इंटरनेशनल नर्स डे साल 1974 में मनाया गया था। नर्सों की अहमियत डॉक्टरों से कम नहीं होती है, फिर चाहे वह कोई भी देश क्यों न हों। भारत में पहली प्रशिक्षित नर्स सिस्टर राधाबाई सुब्बारायन कौन थीं? रिपोर्ट में जानिए देश की नर्सों के लिए वह कैसे प्रेरणादायक रही हैं।
सिस्टर राधाबाई सुब्बारायन कैसे बनीं नर्स?
राधाबाई सुब्बारायन को आजादी के बाद भारत की पहली ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली नर्स माना जाता है। उन्होंने नर्सिंग में सेवा देने के लिए पहले नर्सिंग का कोर्स भी किया था। इन्होंने देश में पेशेवर नर्सिंग की स्थापना करने में भूमिका निभाई है। हालांकि, अगर हम इतिहास में और पीछे जाएं, तो नर्सिंग की जड़ें ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई हैं। जब फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने भारत में औपचारिक नर्सिंग की प्रैक्टिस की स्थापना के लिए यहां की महिलाओं को प्रेरित किया था।
राधाबाई ने देश में नर्सिंग की शिक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इस पेशे को एक सम्मानजनक स्थान दिलाने में मदद की है।
आजादी से पहले नर्स होती थी?
बता दें कि भारत की सर्वप्रथम नर्स बाई काशीबाई गनपत को माना जाता है, जो इतिहास की किताबों में अपनी अमिट छाप छोड़े हुए हैं। वे महाराष्ट्र की थीं और 18वीं सदी में उन्होंने लोगों को सेवाएं देना शुरू कर दी थी। हालांकि, वे ज्यादा पढ़ी लिखी नही थीं और उन्होंने नर्सिंग के लिए कोई शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। उन्होंने बुबोनिक प्लेग नामक छोटे जानवरो से फैलने वाली बीमारी के इलाज में अपनी अहम भूमिका निभाई थीं।
भारत में नर्सिंग का विकास
भारत में नर्सिंग की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी। उस वक्त भारत में भारतीय महिलाएं नहीं बल्कि ब्रिटिश नर्सें सेवाएं देती थीं। अपने देश में उस वक्त महिलाओं के काम करने की आजादी उतनी नहीं हुआ करती थी, जितनी आज है। नर्सिंग जैसे प्रोफेशन इनके लिए कठिन थे। मगर अच्छी सेहत और स्वास्थ्य विभाग के विकास में इनकी भूमिका अधिक थी।
नर्सिंग का इतिहास
1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद, सरकार ने नर्सिंग पेशे को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नर्सिंग शिक्षा के लिए देश भर में प्रशिक्षित ट्रेनिंग सेंटर और स्कूल खोले गए। साल1947 में भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) की स्थापना भी की गई थी, जो महिलाओं को नर्सिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती थी। उन दिनों महिलाओं को नर्सिंग अपनाने के लिए स्कॉलरशिप दी गई थी।
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