Benefits of Fasting: एक टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि केवल सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे के बीच खाने से पॉजिटिव हेल्थ लाभ हो सकते हैं। कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग के समर्थन करने वाले कम से कम छह घंटे तक खाने के पीरियड को बढ़ावा देते हैं, जैसे- सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच सारा खाना खा लेना। लेकिन किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्चरों की एक टीम ने पाया कि जो कम रिस्ट्रिक्टेड वाले हैं, उनमें भी मूड, ऊर्जा और भूख में पॉजिटिव बदलाव हो सकते हैं।
Daily Mail की खबर के अनुसार, रिसर्चरों ने ZOE ऐप का इस्तेमाल किया, जो पार्टिसिपेट्स को डेली अपने हेल्थ को लॉग करने की अनुमति देता है। ऐप पर 37,000 से ज्यादा लोगों पर स्टडी पूरी की गई, जिसके दौरान उन्हें एक सप्ताह के लिए सामान्य रूप से खाने के लिए कहा गया और फिर अगले फोर्टनाइट के लिए केवल 10 घंटे के दौरान खाने के लिए कहा गया, साथ ही उनसे उनके मूड, ऊर्जा और भूख के लेवल के बारे में जानकारी लॉग करने के लिए भी कहा गया।
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एनालिसिस से पता चला कि जो लोग दिन में 14 घंटे उपवास करते थे, उनमें ऊर्जा अधिक थी और उन्हें भूख भी कम लगती थी। जो लोग अपनी खाने की समय सीमा के अनुरूप थे, उन्हें उन लोगों की तुलना में ज्यादा लाभ हुआ, जो दिन-प्रतिदिन अपनी खाने की समय में बदलाव करते थे और लगभग सभी प्रतिभागियों ने कई हफ्तों तक हस्तक्षेप जारी रखने का ऑप्शन चुना।
ZOE की मुख्य वैज्ञानिक Dr. Sarah Berry ने कहा कि सबसे बड़ी स्टडी है जो दिखाती है कि वास्तविक दुनिया में रुक-रुक कर उपवास करने से आपके स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। 10 घंटे की खाने की सीमा, जो अधिकतर लोगों के लिए मैनिजबल थी, मूड, एनर्जी लेवल और भूख में सुधार किया। जो लोग समय-प्रतिबंधित भोजन करते थे, लेकिन दिन-प्रतिदिन नहीं रहते थे, उनके स्वास्थ्य पर उतने पॉजिटिव असर नहीं हुआ, जितने उन लोगों के थे जो हर दिन समर्पित थे।
Kate Bermingham, जिन्होंने रिसर्च पर भी काम किया, उन्होंने कहा कि यह स्टडी आपके खाने के महत्व को दर्शाने वाले सबूतों के बढ़ते समूह को जोड़ता है। खाने का हेल्थ पर असर सिर्फ यह नहीं है कि आप क्या खाते हैं, बल्कि वह समय जिस पर खाना खाते हैं और समय-समय पर भोजन करना एक महत्वपूर्ण डाइटरी बिहेवियर है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
निष्कर्षों से पता चलता है कि हर समय खाते रहने की जरूरत नहीं है। बहुत से लोग अच्छा महसूस करेंगे और अपना वजन भी कम कर लेंगे, अगर वे अपने भोजन को दस घंटे तक सीमित कर दें। ZOE ऐप के हालिया निष्कर्षों (Findings) से पता चलता है कि रात 9 बजे के बाद भोजन करना आपके स्वास्थ्य के लिए खराब हो सकता है।
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UK में 800 से अधिक लोगों को दो से चार दिनों में खाए गए हर एक नाश्ते को रिकॉर्ड किया गया था। फिर उनके ब्लड शुगर के लेवल, जो टाइप 2 मधुमेह के जोखिम से जुड़े थे और खून में फैट के लेवल, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े थे, का विश्लेषण किया गया। जिन लोगों ने रात 9 बजे के बाद भोजन करने की सूचना दी, उनकी रीडिंग उन लोगों की तुलना में खराब थी, जिन्होंने इस समय के बाद बिल्कुल भी भोजन नहीं किया।
हर दिन अलग-अलग प्रकार के फलों और सब्जियों के कम से कम 5 हिस्से खाएं। सभी ताजे, फ्रोजन, सूखे और डिब्बाबंद फल और सब्जियां गिनती में आती हैं।
- आलू, ब्रेड, चावल, पास्ता या अन्य स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट पर बेस्ड फूड हैं।
- एक दिन में 30 ग्राम फाइबर, सभी खाने के समान है- फल और सब्जियों के 5 भाग, 2 साबुत गेहूं अनाज के बिस्कुट, साबुत आटे की ब्रेड और छिलके सहित पके आलू।
- कुछ डेयरी या डेयरी ऑप्शन, जैसे- कम फैट और कम चीनी वाले ऑप्शन चुनें।
- कुछ फलियां, दालें, मछली, अंडे, मांस और अन्य प्रोटीन खाएं (हर सप्ताह मछली के 2 हिस्से, जिनमें से एक ऑइली होना चाहिए)
- अनसैचुरेटेड तेल और स्प्रेड चुनें और कम मात्रा में सेवन करें।
- दिन में 6-8 गिलास पानी पिएं।
- एडल्ट को एक दिन में 6 ग्राम से कम नमक और महिलाओं को 20 ग्राम या पुरुषों को 30 ग्राम से कम सैचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए।
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