Fatty Liver Symptoms: लिवर शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है. लिवर शरीर को खाना पचाने में मदद करता है, एनर्जी को स्टोर करता है, शरीर के गंदे टॉक्सिंस को निकालता है और शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों को फिल्टर करके बाहर करता है. आमतौर पर फैटी लिवर 2 तरह का होता है, एक नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) और दूसरा है एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज. नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर में इंफ्लेमएशन होने लगती है जो लिवर को डैमेज करती है. इससे सिरोसिस या लिवर कैंसर भी हो सकता है. एल्कोहॉलिक फैटी लिवर एल्कोहल के जरूरत से ज्यादा सेवन के कारण होता है. इससे इंफ्लेमेशन होती है और एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस हो सकता है. आमतौर पर फैटी लिवर से परेशान लोगों का सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या फैटी लिवर को रिवर्स किया जा सकता है यानी फैटी लिवर को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं या नहीं. इसका जवाब दे रही हैं जनरल फिजीशियन और न्योरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत. गुरुग्राम में काम कर रहीं डॉ. प्रियंका सहरावत AIIMS से ट्रेंड हैं. यहां जानिए फैटी लिवर को लेकर डॉ. प्रियंका सहरावत का क्या कहना है.
क्या फैटी लिवर को रिवर्स किया जा सकता है | Can Fatty Liver be Reversed
डॉ. प्रियंका सहरावत का कहना है कि फैटी लिवर को पूरी तरह से रिवर्स नहीं किया जा सकता है. फैटी लिवर को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते लेकिन इससे समय रहते बचाव कर सकते हैं और दिक्कत को जरूरत से ज्यादा बढ़ने से रोक सकते हैं.
डॉक्टर ने इस बात का भी जिक्र किया कि नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर ज्यादा होता है. फैटी लिवर होने के कारण हैं एल्कोहल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, मोटापा और डायबिटीज मेलिटस. ट्राइग्लिसराइड्स लिवर खुद बनाता है. ऐसे में फैटी लिवर की दिक्कत कम करने के लिए कुछ आम बातों का ध्यान रखा जा सकता है.
- सैचुरेटेड फैट्स से परहेज करना जरूरी है.
- रिफाइंड ऑयल का सेवन कम करें.
- तली हुई चीजों का सेवन कम करें. इनसे लिवर पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है जो दिक्कत को बढ़ाता है.
- फाइबर को खानपान का हिस्सा ज्यादा बनाएं.
- दिनभर में कम से कम 3 लीटर पानी पिएं.
- रोजाना 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक करें.
किन लोगों को फैटी लिवर डिजीज की संभावना ज्यादा होती है
- मोटापा फैटी लिवर के रिस्क फैक्टर्स (Fatty Liver Risk Factors) में शामिल है.
- बढ़ती उम्र में फैटी लिवर डिजीज ज्यादा होती है.
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज फैटी लिवर के शिकार हो सकते हैं.
- टाइप 2 डायबिटीज और प्री-डायबिटीज में फैटी लिवर हो सकता है.
- कुछ मेटाबॉलिक डिसोर्डर्स भी फैटी लिवर की वजह बनते हैं.
- हेपेटाइटिस जैसे इंफेक्शंस फैटी लिवर की वजह बनते हैं.
- टॉक्सिंस की चपेट में आने से फैटी लिवर हो सकता है.
अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.










