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HMPV की बढ़ती संख्या से न हो परेशान, कोविड-19 से नहीं कोई संबंध; जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट का कहना है कि HMPV वायरस को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। टेस्ट किए जा रहे में से केवल 3% ही ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से संक्रमित पाए जाते हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।

Edited By : Ankita Pandey | Updated: Jan 7, 2025 22:12
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Human Metapneumovirus in India: देश भर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर चर्चा तेज हो गई हैं। इसके केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी सिलसिले में एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) या गंभीर तेज सांस से जुड़ी बीमारियों (SARI) के लिए टेस्ट किए जाने वाले लोगों में से केवल 3% ही ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से संक्रमित पाए जाते हैं। आगे उन्होंने यह भी कहा कि HMPV इंफेक्शन भारत में कई सालों से है। इसके बारे में अक्सर बात नहीं की जाती है, इसलिए लोग थोड़ा ज्यादा डरे हुए हैं।

भारत में सामने आए 7 मामले

भारत में HMPV के सात मामले सामने आए, जो एक वायरस है। इसने हाल ही में चीन में बहुत से लोगों को प्रभावित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि रोगियों का हाल ही में कोई यात्रा नहीं की है। स्वामीनाथन ने कहा कि ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) वायरस की जांच कर रहा है , जिसके तहत वे नियमित रूप से उन लोगों को देखते हैं जिन्हें ILI या SARI की शिकायत है।

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उन्होंने बताया कि  जितने भी मामलों की जांच की गई है, उनमें से लगभग 3% HMPV के लिए पॉजिटिव हैं। आगे उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि HMPV बाहर से आया है या यह चीन से आया है। यह कई सालों से भारत में सर्कुलेट हो रहा है।

आगे उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि मौसम के हिसाब से कई तरह के वायरस हमारे संपर्क में आते हैं। जैसे कि मानसून में डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियां अधिक फैलने लगती हैं। वहीं सर्दियों में,हमें सांस संबंधी वायरस का सामना करना पड़ता है। खासकर उन शहरों में जहां प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है।

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HMPV पर नजर रखना बेकार

स्वामीनाथन ने इस बात पर जोर दिया कि देश में संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पर नजर रखना बेकार है, क्योंकि यह आंकड़े हो रहे परीक्षण पर निर्भर करता है। इसलिए अगर हम अचानक लाखों लोगों का परीक्षण करना शुरू करते हैं जिनमें सांस संबंधी लक्षण हैं, तो हम हजारों लोगों में HMPV पाएंगे। अगर हम कुछ दर्जन लोगों को टेस्ट करते हैं तो उसमें से केवल कुछ लोगों ही वायरस के लिए पॉजिटिव होंगे।

कोविड-19 से कोई संबंध नहीं

हेल्थ साइंटिस्ट ने यह भी कहा कि HMPV और कोविड-19 के बीच कोई संबंध नहीं है। कोरोना वायरस का एक ग्रुप है। HMPV एक बहुत ही अलग तरह का वायरस है। उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और अन्य संस्थान वायरस पर नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चिंता की कोई बात नहीं है।

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Edited By

Ankita Pandey

First published on: Jan 07, 2025 10:12 PM

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