High BP Causes: हार्ट डिजीज और हाई BP के मरीजों को अपनी डाइट में खान-पान के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल भी फॉलो करने की सलाह दी जाती है। ये दोनों मेडिकल कंडिशन एक-दूसरे से संबंधित हैं, इसलिए एक का प्रभाव दूसरे पर पड़ना तय है। नमक हमारे खाने का ऐसा हिस्सा है, जिसके बिना शायद हमारा भोजन अधूरा माना जा सकता है। हालांकि, नमक ऐसी चीज है जिसकी जरूरत हमारे शरीर को होती है। अगर पर्याप्त नमक की मात्रा बॉडी में न हो तो यह भी सेहत के लिए हानिकारक है लेकिन ज्यादा मात्रा में नमक भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। खासतौर पर दिल के मरीजों और बीपी के मरीजों के लिए। जी हां, हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने बताया कि हाई बीपी और हार्ट के मरीजों को नमक खाने से परहेज करना चाहिए लेकिन क्यों? इस बारे में जानते हैं सबकुछ।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
नमक और दिल के रोगों के बारे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी एक रिसर्च में बताया है कि दिल की बीमारियों में बीपी का अहम रोल है। अगर शरीर का ब्लड प्रेशर संतुलित नहीं रहेगा, तो इससे आपको दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। नमक के अधिक सेवन से भी बीपी का लेवल अनियंत्रित रहता है। खासतौर पर जो हम आमतौर पर सोडियम वाला नमक खाते हैं, वह हमारी बॉडी के लिए सही नहीं होता है।
नमक क्यों हानिकारक?
WHO के मुताबिक, हाई बीपी और हार्ट डिजीज के मरीजों को सोडियम वाले नमक की जगह पोटेशियम वाला नमक खाना चाहिए। इस नमक को खाने से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है, जिससे हार्ट हेल्थ भी ठीक रहती है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के अनुसार किसी भी इंसान को औसतन 2 ग्राम से अधिक नमक खाने से भी परहेज करना चाहिए। पोटेशियम वाले नमक को के साल्ट भी कहते हैं। आइए जानते हैं के सॉल्ट के फायदों के बारे में।
पोटेशियम साल्ट के फायदे
इस नमक को खाने से हार्ट हेल्थ सही रहती है।
पोटेशियम नमक को खाने से किडनी डिजीज नहीं होते हैं।
इस नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है।
दिल की धड़कनों की गति को सुधारे।
इस नमक की सही मात्रा शरीर में होने से थकान और कमजोरी भी नहीं होती है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।