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Cancer Cause: फैटी लिवर से लिवर कैंसर होने का रिस्क कितना? डॉक्टर से जानें संकेत

Cancer Cause: फैटी लिवर की समस्या इन दिनों बहुत सामान्य हो गई है। हाल ही में एक डॉक्टर ने बताया कि जो लोग फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस या अन्य लिवर की बीमारियों से पीड़ित होते हैं, उन्हें लिवर कैंसर का रिस्क अधिक होता है। आइए जानते हैं इसके क्या कारण हैं और सही इलाज।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 15, 2025 08:39

Cancer Cause: खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते इंसान के शरीर को कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं। अनहेल्दी इटिंग से शरीर के कई अंग डैमेज हो रहे हैं। लिवर भी हमारी बॉडी का एक वाइटल अंग है। अगर इस अंग की सुरक्षा और देखभाल नहीं की जाएगी, तो इसे बीमारियों से कोई नहीं बचा पाएगा। लिवर डिजीज में सबसे पहले तो फैटी लिवर आता है, जो सबसे कॉमन है। लिवर स्पेशलिस्ट ने हाल ही में एक बड़ी बात कही है कि जिन्हें यह रोग होता है, उन्हें लिवर कैंसर का रिस्क होता है। आइए जानते हैं इस पर हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

डॉक्टर कुमार ऋषिकेश, सीनियर ऑनकोलॉजिस्ट, अपोलो अस्पताल, दिल्ली, बताते हैं कि लिवर सबसे अहम अंग है शरीर का। फैटी लिवर भारत में फैली हुई एक प्रमुख बीमारी की तरह उभर रही है। यहां मरीज फैटी लिवर का इलाज सही समय पर नहीं करवाते, जिस वजह से लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ता है। ये सिरोसिस जैसी बीमारियां बढ़ते-बढ़ते कैंसर बन जाती हैं।

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लिवर सिरोसिस से कैंसर का रिस्क बहुत ज्यादा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इससे लिवर के कार्यक्षमता कम हो जाती है। डॉक्टर कहते हैं कि लिवर शरीर में बहुत से कामों को करने में मदद करता है, जैसे खाना पचाना, खून बनाना और सेल्स डेवलप करना। शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी इस अंग की जरूरत होती है। अगर इसमें फैट जमा हो जाता है, तो घाव, एक्स्ट्रा मांस और सूजन हो जाती है।

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कब होता है कैंसर?

डॉक्टर के मुताबिक, यदि किसी के लिवर में ऐसी परेशानियां बार-बार होती हैं और वह सही समय पर इलाज नहीं करवाता है, तो उसे कैंसर हो सकता है। दरअसल, लिवर में सूजन की समस्या भी बहुत कॉमन है, जो एल्कोहल सेवन से बढ़ जाती है। बाहर के घावों में सूजन दिख सकती है लेकिन शरीर के अंदरूनी अंगों में सूजन टेस्ट करने से पता लगाई जाती है। लिवर फाइब्रोसिस से भी लिवर कैंसर होता है। यह मोटापे की वजह से होने वाली बीमारी है।

कोलेस्ट्रॉल से भी बढ़ता है रिस्क

लिवर डिजीज का एक संबंध कोलेस्ट्रॉल से भी होता है। डॉक्टर बताते हैं कि शरीर में 2 कोलेस्ट्रॉल होते हैं, गुड और बैड। गुड की मात्रा सीमित सही है और बैड की मात्रा हर किसी में अलग हो सकती है। जैसे अगर कोई हाइपरटेंशन, बीपी या जेनेटिकल इश्यू से गुजर रहा है, उन्हें लिवर डिजीज का जोखिम रहता है। ऐसे में उन्हें अपना कोलेस्ट्रॉल 70 तक रखना होता है। वहीं, जो लोग शराब पीना और सिगरेट के आदि होते हैं, उन्हें कम से कम 100 से नीचे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को रखने की कोशिश करनी चाहिए।

किन्हें ज्यादा रिस्क?

डॉक्टर कुमार कहते हैं कि अगर किसी को जेनेटिकली कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है, उन्हें हमेशा ही लिवर डिजीज का रिस्क रहता है। क्योंकि कोलेस्ट्रॉल से लिवर में फैट बढ़ता है। इसके अलावा, अन्य लोग जो बहुत ज्यादा बाहर का खाना जैसे जंक फूड या पैकेज्ड फूड खाते हैं, उन्हें भी लिवर डिजीज हो सकता है। ये सभी कारण सीधे तौर पर नहीं लेकिन कुछ मामलों में लिवर के कैंसर का बुलावा हो सकते हैं।

बचाव कैसे करें?

हालांकि, जेनेटिकल को मैनेज करना मुश्किल है। मगर इसके अलावा कुछ बातें लोग अपना सकते हैं, जिससे लिवर को खराब होने से रोक सकते हैं:

  • कोलेस्ट्रॉल मैनेज करें।
  • वेट लॉस सबसे ज्यादा जरूरी है।
  • हेल्दी डाइट।
  • अच्छी दिनचर्या फॉलो करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।

लिवर कैंसर से बचा जा सकता है?

लिवर में अगर कैंसर हो जाता है, तो उसे रोकने के लिए कोई दवा मौजूद नहीं है। डॉक्टर के अनुसार, कैंसर की रोकथाम के लिए आपको डॉक्टर से ही संपर्क करना होता है। कैंसर से बचाव के लिए आपको लिवर को उसकी बीमारी के समय ही सही कर लेना चाहिए। हेपेटाइटिस के वैक्सीनेशन भी लगवा सकते हैं।

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First published on: May 15, 2025 08:39 AM

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