Oversleeping Causes: शरीर को स्वस्थ रहने के लिए कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेनी जरूरी है। और आप हर दिन 6 घंटे से भी कम सोते हैं या 8 घंटे से भी बहुत ज्यादा सोते हैं, तो ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकता हैं। कम सोने का कारण देर तक मोबाइल चलाना या लगातार टीवी देखना, या फिर कोई शारीरिक समस्या के कारण जल्दी नींद नहीं आती है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें सारा दिन नींद ही नींद आती रहती है या उबासी महसूस होती रहती है। बार-बार नींद आती है या सोने का मन करता रहता है, तो इस समस्या को हाइपरसोम्निया (Hypersomnia) कहा जाता है। 7-8 घंटे नींद लेने के बाद भी जब आपको नींद आती रहती है, तो यह एक तरह से स्लीप डिसऑर्डर है।
क्या है हाइपरसोम्निया
हाइपरसोम्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपको दिन के समय भी अधिक नींद महसूस होती है। हाइपरसोम्निया एक प्राइमरी या सेकेंडरी स्थिति हो सकती है। जिन लोगों को हाइपरसोम्निया आने की समस्या होती है, उन्हें दिन में किसी भी काम को करने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि वे अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं।
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अधिक नींद आने का कारण
प्राइमरी हाइपरसोम्निया कई बार ब्रेन के सिस्टम में समस्याओं के कारण होता है, जो नींद और जागने को कंट्रोल करते हैं। वहीं, सेकेंडरी हाइपरसोम्निया में थकान नींद का कारण बनती हैं। कुछ दवाओं के सेवन से भी हाइपरसोम्निया का कारण बन सकता हैं। नशीली दवाओं और शराब के सेवन से दिन में नींद आ सकती है।
हाइपरसोम्निया के लक्षण
- कम शारीरिक ऊर्जा
- चिड़चिड़ा महसूस करना
- एंग्जायटी
- भूख में कमी
- दिन भर नींद आते रहना
- किसी भी चीज को याद रखने में परेशानी होना
- बेचैनी महसूस करना
ज्यादा सोने से बचने के उपाय
- रात में हल्का खाना खाएं
- शराब, स्मोकिंग की आदत को कम कर दें
- सोने का टाइम फिक्स करें
- वजन पर कंट्रोल रखें
- अच्छा खानपान
- सोने के कमरे का वातारण शांत हो
- देर तक जागकर काम ना करे
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।