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हेल्थ

Doctor’s Day 2025: अगर डॉक्टर ही पड़ जाएं बीमार, तो कौन करेगा उनकी देखभाल?

Doctor's Day 2025: जब भी हम बीमार पड़ते हैं, तो डॉक्टरों की ओर उम्मीद से देखते हैं क्योंकि ये लोग वो हीरो होते हैं, जो दिन-रात हमारी सेवा के लिए तैयार मिलते हैं। मगर क्या जब ये बीमार होते हैं, तो खुद का स्वास्थ्य सही कर पाते हैं? आइए इस डॉक्टर्स डे पर जानते हैं इनके साथ होने वाली समस्याओं के बारे में।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 1, 2025 11:55

Doctor’s Day 2025: डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं, यह कहावत गलत नहीं है क्योंकि इस बात में कोई दोराय नहीं है कि गंभीर से गंभीर बीमारी में भले ही भगवान की दुआएं काम आती हो लेकिन सर्वप्रथम हमें उनसे बचाने वाले डॉक्टर ही होते हैं। डॉक्टर एक ऐसा प्रोफेशन जो इन्हें लोगों को जीवनदान देने के लिए तैयार करता है। डॉक्टर बनने की पढ़ाई से लेकर मरीज के इलाज तक का सफर सालों का होता है। जब कोई छात्र MBBS करता है, तो भी उसे स्ट्रेस और टेंशन झेलना पड़ता है। जब वे डॉक्टर बन जाता है, तब भी उसकी मेंटल हेल्थ डिस्टर्ब हो जाती है।

भारत में डॉक्टरों के बीच मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे तनाव, बर्नआउट और इमोशनल आउटबर्स्ट आम होती जा रही हैं। लॉन्ग वर्किंग आवर्स और ज्यादा मरीजों का भार उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। इस बारे में साल 2020 के एक अध्ययन में भी यह बात सामने आ चुकी थी, जो इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ था। इस अध्ययन में पाया गया था कि लगभग हर 4 में से 1 डॉक्टर भावनात्मक थकावट से जूझ रहा था।

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एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

आकाश हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. आशीष चौधरी कहते हैं कि डॉक्टरों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। हर दिन हम दर्द, नुकसान और उम्मीद का सामना करते हैं। यह हमारे मन पर असर डाल सकता है। वे बताते हैं कि अपनी निजी जिंदगी में संतुलन बनाए रखने के लिए वे नियमित रूप से बैडमिंटन खेलते हैं। इससे उनका माइंड क्लियर रहता है और फोकस बना रहता है।

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कई अध्ययनों में भी हुई पुष्टि

साल 2020 में इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, मेंटल हेल्थ ऑफ मेडिकल प्रैक्टिशनर में भारत के 3,845 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स पर किए गए 15 अध्ययनों का विश्लेषण किया गया। इसके मुताबिक, लगभग 24% मेडिकल प्रैक्टिशनर इमोशनल आउटबर्स्ट, 27% डीपर्सनलाइजेशन और 23% पर्सनल अचीवमेंट की भावना में कमी का सामना कर रहे थे।

मेंटल हेल्थ पर सबसे ज्यादा असर

एशियन हॉस्पिटल के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. एन. के. पांडे बताते हैं कि तनाव, चिंता और बर्नआउट डॉक्टरों के कामकाज और उनके व्यक्तिगत जीवन दोनों को प्रभावित कर रहा है। डॉक्टर अक्सर मरीजों की देखभाल में अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अस्पतालों में ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जहां डॉक्टर खुलकर अपनी भावनाओं के बारे में बात कर सकें और जरूरत होने पर मदद भी ले सकें।

डॉक्टरों के लिए हेल्दी माहौल कैसे बनाएं?

अन्य डॉक्टरों की मदद लें- यदि कोई डॉक्टर बीमार हुआ है, तो वह अन्य डॉक्टरों की मदद ले सकते हैं और अपनी सेहत के बारे में जानने से पीछे न हटे।

टीमवर्क- किसी भी अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था में सेवा प्रदान करने के लिए टीमवर्क को बढ़ावा देना चाहिए।

डॉक्टरों के लिए सुविधाएं- सभी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करवानी चाहिए जैसे कि मेडिकल इंश्योरेंस, एक्सक्लूसिव चेकअप और मेंटल हेल्थ सपोर्ट।

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First published on: Jul 01, 2025 11:55 AM

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