Medicinal Plants And Cold-Cough-Fever: मानसून की बारिश के दौरान सर्दी जुकाम और बुखार होना आम बात है, लेकिन समस्या ज्यादा हो जाए तो बड़ी दिक्कत आती है। सर्दी-जुकाम और बुखार में लगातार आपके गले में खराश रहती है। आपका पूरा शरीर बेजान-सा रहता है। इसमें अक्सर तेज बुखार, सिरदर्द और मसल्स पेन होता रहता है।
इस परेशानी को दूर करने में कुछ आयुर्वेदिक उपचार कारगर हैं, जो आपके घर में ही मौजूद रहते हैं। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनको इस्तेमाल करने से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। सर्दी जुकाम और बुखार से बचाव करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां आप यूज कर सकते हैं, जैसे- तुलसी, गिलोय, मुलेठी और अश्वगंधा।
तुलसी
तुलसी में मौजूद एंटी वायरल, एंटीफंगल गुण सर्दी खांसी जैसे संक्रमणों से लड़ सकता है। तुलसी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है, जो सर्दी-खांसी और वायरल फीवर वाले वायरस और बैक्टीरिया को खत्म करती है।
कैसे करें प्रयोग?
आप दिन में 2 बार तुलसी का काढ़ा या चाय बनाकर पी सकते हैं। आप 4 से लेकर 5 पत्तियां लेकर पानी में उबालें और गुनगुना करके 2-3 टाइम पिएं।
गिलोय
गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तना तीनों ही हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद हैं, लेकिन बीमारियों को जड़ से खत्म करने में गिलोय की डंठल का ज्यादा इस्तेमाल होता है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण बुखार, पीलिया, एसिडिटी आदि बीमारियों से आराम मिलता है।
कैसे करें प्रयोग?
गिलोय का जूस या टेबलेट आप ले सकते हैं। इसके अलावा खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद है। 2-3 स्पून गिलोय का रस पानी में मिलाकर खाली पेट पी लें। इसके अलावा 2 इंच की डंडी उबालकर पिएं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा को इसके मेडिसिनल प्रॉपर्टीज के गुणों के कारण जाना जाता है। यह इंफेक्शन और सर्दी-जुकाम के लक्षणों को दूर करता है। अश्वगंधा सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
कैसे करें प्रयोग?
आधा स्पून अश्वगंधा पाउडर पानी में उबालें और अदरक मिलाएं। आप स्वाद के लिए शहद डाल सकते हैं, उसके बाद सिप-सिप करके पिएं।
मुलेठी
मुलेठी खांसी में बहुत फायदेमंद है। मुलेठी एलर्जी या प्रदूषकों के कणों से लड़ने में भी मददगार है। मुलेठी में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
कैसे करें प्रयोग?
मुलेठी की सुखी जड़ों को पानी में उबालकर पिएं या फिर चाय में भी इसकी जड़ का यूज कर सकते हैं। 10 ग्राम मुलेठी को लगभग 200 ग्राम चाय पत्ती में पीसकर मिलाएं। इसे आप चाय की तरह पी सकते हैं।
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