Black Jaundice Symptoms: काला पीलिया जिसे हेपेटाइटिस-बी और सी भी कहा जाता है, एक जानलेवा बीमारी होती है, जो लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। इस पर हाल ही में रोहतक पीजीआई में पिछले 12 सालों तक स्टडी हुई थी, जो मां और संतान के बीच फैलने वाले संक्रमण पर आधारित थी। यह रिसर्च न सिर्फ भारत के लिए बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी इस बीमारी की रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। क्योंकि यह पहली बार है जब किसी संस्थान ने इस बीमारी के मातृ-संतान संक्रमण पर इतना व्यापक अध्ययन किया है।
रोहतक में हुई रिसर्च
रोहतक PGI में हुई रिसर्च के अनुसार, काले पीलिये की बीमारी मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को हो सकती है, मगर इस संक्रमण को रोका भी जा सकता है। इस रिसर्च में पाया गया है कि ज्यादा अनसेफ फिजिकल रिलेशन, नशे के इंजेक्शन को गलत नीडल से लगाने से काला पीलिया फैलता है। इसके अलावा 50% मरीजों में मां के द्वारा काला पीलिया फैला है। रोहतक पीजीआई में 3000 मरीज और 500 गर्भवती महिलाओं पर विश्व की यह पहली अनोखी रिसर्च हुई है। बता दें कि काला पीलिया एक जानलेवा बीमारी है जिसका समय पर इलाज न होने के चलते मरीज की मौत हो सकती है।
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क्या है बीमारी के कारण?
काला पीलिया एक जानलेवा बीमारी है। रोहतक में हुई इस रिसर्च में पता लगाया गया है की गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर बच्चों में फैलने वाले पीलिया को समय पर इलाज के चलते रोका जा सकता है। यही नहीं 50% तक काला पीलिया मां के द्वारा ही बच्चों में फैलता है, पिछले 12 सालों से काले पीलिया को लेकर रोहतक पीजीआई में रिसर्च चली रही थी। यहां 13% परिवारों में काला पीलिया के लक्षण मिलते हैं। यदि किसी परिवार में काला पीलिया के लक्षण मिले तो पूरे परिवार को जांच करने की आवश्यकता होती है। अज्ञानता वश बीमारी से जूझ रहे लोगों की मौत हो जाती थी। इसलिए पीजीआई द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए गए है।
क्या है काले पीलिया के शुरुआती संकेत?
एक्सपर्ट क्या बोलें?
रोहतक पीजीआई मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने न्यूज-24 से बातचीत में बताया कि 75% तक मरीजों में काले पीलिया के लक्षण मिलते ही नहीं है लेकिन पहले जांच हो जाए तो बीमारी पकड़ में आ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लक्षण भी काफी गंभीर है जैसे कि पेट में पानी बनना, खून की उल्टी व दस्त लगना, भूख का कम लगना व लिवर पर दबाव होना।
आंकड़ें क्या बताते हैं?
डॉक्टर प्रवीण बताते हैं कि काला पीलिया की बीमारी में समय पर इलाज न मिलने के चलते मरीज की मौत हो जाती है इसलिए परिवार में किसी भी व्यक्ति के संक्रमित होने पर पूरे परिवार को जांच करवाना जरूरी होता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि अनसेफ सेक्स करने से 5 से 6% तक काला पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा गर्भवती महिला से उसके बच्चे में 13 से 75% तक काला पीलिया फैलने के चांस होते हैं। वहीं, 13% तक परिवारों में काले पीलिया के लक्षण मिलते हैं, जो जेनेटिक्स की श्रेणी में आते हैं।
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