Autoimmune Disease Causes: इम्यूनिटी के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना होगा जैसे कि अगर यह वीक हो तो आप बीमार हो सकते हैं। इम्यूनिटी अच्छी न होने से आपको सर्दी-जुकाम जैसे वायरल इंफेक्शन तुरंत घेर सकते हैं। ऑटोइम्यून डिजीज तब होती है जब शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही सेल्स पर हमला करने लगती है। सामान्य तौर पर, इम्यून सिस्टम शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक पदार्थों से बचाने के लिए काम करता है। लेकिन ऑटोइम्यून डिजीज में बैक्टीरिया और वायरस नेगेटिव तरीके से असर डालते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
न्यूट्रिशन कोच राम वर्मा ने राज शमामी के पॉडकास्ट शो में गट हेल्थ, ऑटोइम्यून डिजीज से जुड़ी बीमारियों के बारे में विस्तार से बताते हैं। उन्होंने बताया कि ऑटोइम्यून डिजीज होने के पीछे कई कारण शामिल हैं जैसे कि अगर हमारा माइंड रिलैक्स नहीं है, हम कॉन्सटेंट स्ट्रेस में रहते हैं, तो यह भी ऑटोइम्यून डिजीज का कारण है। जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस में रहना भी Autoimmune Disease का कारण होता है। चिंता, घबराहट और बेवजह का स्ट्रेस लेने से इम्यूनिटी पर नकारात्मक असर होता है।
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गट हेल्थ भी जरूरी
एक्सपर्ट बताते हैं कि ऑटोइम्यून डिजीज होने का दूसरा मेजर कारण है गट हेल्थ का सही न होना। आपकी गट अनहेल्दी है, तो आपकी इम्यूनिटी वीक होगी। गट में बैक्टीरिया होते हैं लेकिन ये गुड होंगे या बैड, वो आपकी डाइट पर निर्भर करता है। कॉनस्टिपेशन, पेट दर्द, एसिडिटी और डायरिया का बार-बार होना ऑटोइम्यून डिजीज का संकेत है, जो गट की वजह से बिगड़ी हुई है। गट अनहेल्दी है तो 70% चांस है कि आपको Autoimmune Disease होगा।
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क्या है इसका इलाज?
वैसे तो ऑटोइम्यून बीमारियों का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन उपचार से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें दवाइयां, लाइफस्टाइल में बदलाव और समय-समय पर मेडिकल हेल्प की आवश्यकता होती है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।