आजकल हम अक्सर सुनते हैं कि किसी को अचानक हार्ट अटैक आ गया चाहे वह जवान हो या बूढ़ा। पहले दिल की बीमारी उम्रदराज लोगों तक सीमित मानी जाती थी, लेकिन अब यह किसी को भी हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी बदलती लाइफस्टाइल, तनाव और खान-पान की गलत आदतें हैं। लेकिन डॉक्टर के अनुसार के अनुसार कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है? और अच्छी बात ये है कि अगर समय रहते हम सावधान हो जाएं, तो इस खतरे को बहुत हद तक टाला जा सकता है। आइए जानें कैसे।
ब्लड प्रेशर वाले लोग
जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर होता है, उनके हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है, तो खून ले जाने वाली नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं। यह कमजोरी नसों में ब्लॉकेज यानी रुकावट पैदा कर सकती है। ब्लॉकेज होने पर खून दिल तक सही से नहीं पहुंचता, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज वाले मरीज
डायबिटीज के मरीजों के खून में शुगर की मात्रा सामान्य से ज्यादा रहती है। जब शुगर का स्तर लंबे समय तक ज्यादा रहता है तो यह खून की नसों में सूजन और नुकसान कर सकता है। नसों के अंदर की परत खराब हो जाती है और खून का बहाव रुक-रुक कर होता है। इससे हार्ट को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान और नशा करने वाले लोग
सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, शराब और अन्य नशे की चीजें शरीर की नसों को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। ये चीजें खून की नसों को सिकोड़ देते हैं यानी उनकी चौड़ाई कम कर देते हैं, तो खून का बहाव धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से दिल की बीमारियां, खासकर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा ज्यादा वजन वाले लोग
जब किसी व्यक्ति का वजन बहुत ज्यादा होता है, तो उसका हार्ट शरीर को खून पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करता है। शरीर में जमा हुई अतिरिक्त चर्बी खून की नसों के पास जमा हो जाती है। इससे खून का बहाव धीमा हो जाता है या रुक सकता है। ऐसे में दिल पर दबाव बढ़ता है और दिल से जुड़ी बीमारियां जल्दी हो सकती हैं। इसलिए मोटे लोगों में हार्ट अटैक होने का खतरा आम वजन वाले लोगों से ज्यादा होता है।
जो एक्सरसाइज नहीं करते
जो लोग रोजाना एक्सरसाइज या कोई शारीरिक मेहनत नहीं करते, उनके शरीर की मांसपेशियां और नसें कमजोर हो जाती हैं। जब शरीर सुस्त रहता है तो खून का बहाव भी धीमा होता है। एक्सरसाइज की कमी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण, इन्हें न करें नजरअंदाज
छाती में दर्द
जब दिल में कोई दिक्कत होती है, तो सबसे आम लक्षण होता है छाती में दर्द। यह दर्द अक्सर छाती के बीच में होता है और भारीपन या जलन जैसा महसूस होता है। कुछ लोगों को ऐसा लगता है जैसे कोई चीज सीने पर दबाव बना रही हो। यह दर्द आराम करने से कम हो सकता है, लेकिन अगर लगातार बना रहे, तो यह दिल से जुड़ी बड़ी परेशानी का संकेत हो सकता है।
सांस फूलना
अगर थोड़ी सी सीढ़ियां चढ़ने या थोड़ा चलने पर ही सांस फूलने लगे, तो यह भी दिल की कमजोरी का लक्षण हो सकता है। जब दिल शरीर में खून सही से नहीं भेज पाता, तो फेफड़े भी सही से काम नहीं कर पाते, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। यह लक्षण अक्सर धीरे-धीरे बढ़ता है।
धड़कन तेज होना या अनियमित होना
अगर दिल की धड़कन अचानक तेज हो जाए या ऐसा लगे कि धड़कन रुक-रुक कर चल रही है तो यह भी चिंता की बात हो सकती है। कभी-कभी दिल की बीट सही तरीके से नहीं चलती, जिससे बेचैनी, घबराहट या थकान महसूस हो सकती है। इसे मेडिकल भाषा में ‘एरिथमिया’ कहा जाता है।
पैरों में सूजन
जब दिल कमजोर हो जाता है और शरीर में खून पंप नहीं कर पाता तो पानी शरीर के निचले हिस्सों में जमा होने लगता है। इसके कारण पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है। यह सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है और कई बार इसे दबाने पर गड्ढा पड़ जाता है।
चक्कर आना या बेहोश होना
अगर किसी को बार-बार चक्कर आते हैं या वो अचानक बेहोश हो जाता है, तो यह भी दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है। इसका कारण यह हो सकता है कि दिल दिमाग तक सही मात्रा में खून नहीं पहुंचा पा रहा है। यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कौन-कौन से टेस्ट कराएं?
ECG (Electrocardiogram)
ECG एक ऐसा टेस्ट है जो दिल की धड़कनों की गति (speed) और लय (rhythm) को दिखाता है। इसमें शरीर पर कुछ तार (electrodes) लगाए जाते हैं, जो मशीन से जुड़ते हैं। यह मशीन रिकॉर्ड करती है कि दिल कितनी तेजी से और कैसे धड़क रहा है। अगर धड़कन अनियमित है या दिल में कोई कमजोरी है, तो यह टेस्ट उसका पता लगाने में मदद करता है।
Echo (Echocardiography)
इसे दिल का अल्ट्रासाउंड भी कह सकते हैं। Echo टेस्ट में देखा जाता है कि दिल अंदर से कैसा दिखता है उसकी बनावट कैसी है, वाल्व सही से काम कर रहे हैं या नहीं और दिल खून को कितनी ताकत से पंप कर रहा है। यह टेस्ट दिल की पंपिंग क्षमता को समझने में बहुत मदद करता है।
TMT (Treadmill Test)
TMT यानी ट्रेडमिल टेस्ट में मरीज को चलाया या दौड़ाया जाता है और उस दौरान ECG किया जाता है। इससे यह देखा जाता है कि जब शरीर पर मेहनत होती है तो दिल किस तरह से काम करता है। अगर दिल की नसों में रुकावट है, तो TMT करते समय मरीज को छाती में दर्द या सांस की दिक्कत हो सकती है जिससे यह पता चल सकता है कि दिल में कितनी ताकत है।
Angiography
Angiography एक खास टेस्ट होता है जिसमें यह देखा जाता है कि दिल तक खून ले जाने वाली नसों में कहीं ब्लॉकेज (रुकावट) है या नहीं। इसमें एक खास डाई इंजेक्ट की जाती है और फिर एक्स-रे से देखा जाता है कि नसों में खून का बहाव कैसा है। अगर किसी नस में 70% से ज्यादा रुकावट मिलती है तो इलाज की जरूरत होती है जैसे दवाइयां, स्टेंट लगवाना या बायपास सर्जरी।
हार्ट अटैक आ जाए तो क्या करें?
जब किसी को हार्ट अटैक आता है, तो यह बहुत बड़ी मेडिकल इमरजेंसी होती है। ऐसे में समय बिल्कुल भी नहीं गंवाना चाहिए। सबसे पहले मरीज को आराम से लिटाएं और तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं, जहाँ दिल के डॉक्टर (कार्डियोलॉजिस्ट) हों। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर सबसे पहले यह चेक करते हैं कि दिल की नस में खून के थक्के (clot) की वजह से ब्लॉकेज तो नहीं है। अगर ऐसा होता है, तो मरीज को एक खास दवाई दी जाती है, जिसे थ्रॉम्बोलाइटिक दवा कहते हैं। यह दवा खून की गुठली को घोल देती है और नस को खोलने में मदद करती है। अगर दवा से कोई असर नहीं होता, या ब्लॉकेज बहुत ज्यादा होता है, तो डॉक्टर तुरंत एंजियोप्लास्टी करते हैं। इसमें नस में एक पतली नली डालकर ब्लॉकेज हटाया जाता है और वहाँ स्टेंट लगाया जाता है, ताकि खून अच्छे से बह सके। अगर ब्लॉकेज बहुत गंभीर हो और एक से ज्यादा नसें बंद हों, तो डॉक्टर बायपास सर्जरी करने की सलाह देते हैं।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
नियमित व्यायाम करें
हर दिन थोड़ा चलना, हल्की दौड़, योग या हल्की-फुल्की जिम की एक्सरसाइज दिल को मजबूत बनाती है। तेज चलना (ब्रिस्क वॉक) भी बहुत फायदेमंद होता है। रोज 30 मिनट एक्टिव रहना दिल की सेहत के लिए जरूरी है।
वजन कंट्रोल में रखें
अगर शरीर का वजन ज्यादा है, तो दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए अपना वजन ठीक रखने की कोशिश करें। BMI (Body Mass Index) एक तरीका है वजन मापने का इसे डॉक्टर से जांचकर सामान्य (18.5–24.9) स्तर में रखें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें
सिगरेट, बीड़ी और शराब दिल की नसों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण होते हैं। अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं, तो धीरे-धीरे छोड़ना शुरू करें।
संतुलित और हेल्दी भोजन लें
बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें, घी, मक्खन, नमक और मीठा खाने से दिल पर बुरा असर पड़ता है। कोशिश करें कि फल, सब्जियां, दाल, ओट्स और हल्का खाना ज्यादा खाएं। बाहर का फास्ट फूड कम करें।
तनाव को कम करें
हर रोज का तनाव भी दिल की सेहत को खराब करता है। ध्यान (मेडिटेशन), गाने सुनना, परिवार के साथ समय बिताना और काम का अच्छा प्लान बनाना इन सब से तनाव कम किया जा सकता है।
ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराते रहें
कई बार बीपी (ब्लड प्रेशर) और शुगर बिना लक्षण के भी बढ़े होते हैं। इसलिए हर 6 महीने में एक बार जरूर चेकअप कराएं। इससे दिल की बीमारी को समय रहते रोका जा सकता है।