Sawan Somvar 2024: हिन्दू धर्म में सावन को भगवान शिव का महीना माना गया है। इस माह का हर पल और हर दिन महादेव शंकर को समर्पित है। साल 2024 के सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही हैं। इस साल सावन 29 दिन का है, जिसका समापन 19 अगस्त, 2024 को होगा। सनातन धर्म में सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, सावन में इस बार कितने सोमवार के व्रत हैं, सावन सोमवार का महत्व और पूजा विधि क्या है?
सावन सोमवार का महत्व
हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन देवाधिदेव भोलेनाथ को समर्पित है। वहीं सावन का महीने भगवान शिव का प्रिय महीना है। इससे सावन के सोमवार की शुभता दोगुनी हो जाती है और हर सोमवार एक पुण्यदायी व्रत बन जाता है। इसलिए सावन का सोमवार बहुत खास माना गया है। मान्यता है कि सावन सोमवार को शंकरजी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष कट जाते हैं। शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आयु और स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। जीवन में शुचिता और शुभता बढ़ती है। व्यक्ति शुभ कर्म में लिप्त होता है। अकाल मृत्यु और दुर्घटनाओं के दुर्योग कट जाते हैं।
सावन 2024 का पहला सोमवार
भगवान शिव के परम भक्तों के लिए प्रसन्नता की बात है कि इस सावन उन्हें भगवान आशुतोष की पूजा और साधना करने का अवसर 5 बार मिलेगा, क्योंकि इस बार कुल 5 सोमवार व्रत हैं। साथ ही, यह भी खुशी की बात है इस साल सावन की शुरुआत और अंत भी पुण्यदायक सोमवार से हो रहा है। यह अपने आप में एक विशेष शुभ संयोग है। इस प्रकार सावन का पहला सोमवार व्रत जहां 22 जुलाई को रखा जाएगा, वहीं अंतिम सोमवारी 19 अगस्त को मनाई जाएगी।
सावन 2024 की सोमवार की तिथियां
सावन के सोमवार | ||
क्र.सं. | सोमवार | अंग्रेजी तारीख |
1 | पहला सोमवार | 22 जुलाई, 2024 |
2 | दूसरा सोमवार | 29 जुलाई, 2024 |
3 | तीसरा सोमवार | 5 अगस्त, 2024 |
4 | चौथा सोमवार | 12 अगस्त, 2024 |
5 | पांचवां सोमवार | 19 अगस्त, 2024 |
सावन सोमवार पूजा विधि
- सावन सोमवार के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर नित्यकर्म से निपट कर स्नान कर लें।
- फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। वस्त्र सफेद या केसरिया रंग के हों, तो उत्तम है।
- इसके बाद पास के किसी शिव मंदिर या देवालय में भगवान शिव का दर्शन करें।
- इसके बाद भगवान शिव के दिव्य रूप शिवलिंग का गंगाजल, दूध या स्वच्छ शीतल जल से अभिषेक करें।
- फिर शिवलिंग पर कनेर फूल, बेलपत्र, धतूरा और भांग की पत्तियां अर्पित करें।
- इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का त्रिपुंड बनाएं।
- फिर बाद शहद, 5 प्रकार फल और मिष्टान्न का का भोग लगाएं।
- इसके बाद भगवान शिव को धूप, अगरबत्ती आदि से सुगंधि प्रदान करें।
- श्रावण सोमवार व्रत की कथा सुनें। शिव चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद भगवान शिव की आरती करें। इसके बाद साष्टांग भगवान शिव को साष्टांग प्रणाम करें।
- पूजा पूरी होने के बाद परिवार के सदस्यों, सगे-संबंधियों, इष्ट-मित्रों को प्रसाद दें।
बता दें, भगवान शिव के दिव्य रूप शिवलिंग की स्थापना घर के भीतर नहीं की जाती है। आप चाहें तो घर पर भगवान शिव की फोटो या मूर्ति के सामने उनकी सामान्य पूजा कर सकते हैं।
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