सीमा पात्रा को 14 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा गया, खुद को बताया बेकसूर
रांची: आदिवासी महिला के साथ हिंसा और प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी से निलंबित नेता सीमा पात्रा को स्थानीय अदालत ने 12 सितंबर तक के लिए 14 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पात्रा एक पूर्व आईएएस अधिकारी की पत्नी हैं। उन्होंने दावा किया कि वह निर्दोष हैं। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, जब उनसे उनके खिलाफ आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ये "झूठे और राजनीति से प्रेरित आरोप" हैं। पात्रा ने कहा, 'मुझे फंसाया गया है।
सोमवार को सामने आई इस घटना ने बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया है। पीड़िता ने बताया कि कैसे उसे कई दिनों तक भूखा रखा गया, मारपीट की गई और अब निलंबित भाजपा नेता की कैद में अपमानित किया गया। पीड़िता द्वारा साझा किए गए कई भयानक विवरणों में से एक यह है कि पात्रा ने फर्श से अपना पेशाब चाटाया।
रांची के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता को आठ साल तक बंदी बनाकर रखा गया था। पात्रा के बेटे से मिली सूचना के बाद आखिरकार महिला को बचाया गया। पुलिस ने कहा कि पात्रा का बेटा न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सामना कर रहा था और रांची के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। तभी उन्होंने अपने दोस्त - झारखंड सरकार के एक कर्मचारी विवेक बसकी को पीड़ित की स्थिति के बारे में बताया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवेक ने बाद में जिला प्रशासन को सूचित किया।
सीमा पात्रा ने आदिवासी महिला को रांची के अशोक नगर अपने घर में बंधक बनाकर रखा था। सुनीता के अनुसार, उसे गर्म तवे से जगह-जगह दागा गया है। लोहे के रॉड से उसके आगे के तीन-चार दांत तोड़ दिए गए गए। उसका खाना-पानी तक बंद कर दिया गया था। झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग के एक अफसर की सूचना पर रांची पुलिस ने उसे 22 अगस्त को सीमा पात्रा के रांची के अशोकनगर स्थित आवास से मुक्त कराया था।
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