नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन ने यूक्रेन में “शांतिपूर्ण बातचीत” का समर्थन किया है। उनका ये बयान उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन के बाद आया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन युद्ध पर आपत्ति जताई थी। अस्ताना में एक संवाददाता सम्मेलन में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं था।
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पुतिन ने कहा कि मुझ यूक्रेन युद्ध का कोई पछतावा नहीं है। जो किया सही किया। इस दौरान उन्होंने भारत का भी जिक्र किया है। गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के शुरू होने से पहले ही भारत कहता आ रहा है कि इस मसले का हल शांतिपूर्ण बातचीत से होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान में पुतिन से कहा था कि आज का दौर युद्ध का दौर नहीं है।
उन्होंने कहा था कि “मैं जानता हूँ कि आज का दौर युद्ध का नहीं है और मैं इस सिलसिले में फोन पर भी आपसे बात कर चुका हूं।” पुतिन ने कहा कि भारत और चीन ने यूक्रेन में “शांतिपूर्ण बातचीत” का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम इसपर बातचीत शुरु करेंगे।
पुतिन ने ये भी कहा कि फिलहाल यूक्रेन पर नए हमलों की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि रूस देश को नष्ट करने के बारे में नहीं सोच रहा है। पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने यह भी कहा कि नाटो सैनिकों के साथ सीधा संघर्ष विनाशकारी होगा। पुतिन ने कहा कि अभी के लिए, यूक्रेन पर किसी और बड़े हमले की योजना नहीं है। पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन में उनके बलों को मजबूती देने के लिए सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी उनके फैसले पर दो सप्ताह में पूरी तरह अमल किया जाएगा।
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यूक्रेन-रूस युद्ध काफी लंबा खीच गया है। फरवरी महीने में शुरू हुई ये जंग काफी भयानक रही। हजारों लोगों की जान चली गई। लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं।
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